फर्रुखाबाद। डेंगू बुखार की चपेट में आकर तकरीबन आधा दर्जन लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि दर्जनभर से अधिक गावो में सैकड़ों लोग बीमार हैं। डेंगू की रोकथाम में स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से लाचार हो गया है। केवल सीएमओ के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कागजी घोड़े दौड़ा रहे हैं। परिवार के परिवार डेंगू की चपेट में आ गए हैं।
बानगी के तौर पर शहर क्षेत्र के आवास विकास को ही ले लिया जाए तो यहां दर्जनों लोग डेंगू से बीमार हैं और स्वास्थ्य विभाग की टीम आकर केवल उनके नाम पते नोट करके चली जाती है। आवास विकास के रहने वाले आर्यन पुत्र शिवेंद्र सिंह चौहान निवासी 6बी/416 डेंगू की चपेट में आ गया। उसे डॉक्टर के एम द्विवेदी के यहां भर्ती कराया गया। इसकी सूचना मुख्य चिकित्सा अधिकारी को दी गई। मुख्य चिकित्साधिकारी ने जिला मलेरिया अधिकारी के ऊपर जिम्मेदारी डाल कर अपना पल्लू झाड़ लिया। नतीजतन कर्मचारी आए और आर्यन का फोटो खींचकर और उसे दी जा रही डॉ केएन द्विवेदी द्वारा दवा के नामनोट करके वापस चले गए।
इस घर में फैले डेंगू को रोकने का कोई इंतजाम नहीं किया गया। नतीजतन आर्यन के पिता शिवेंद्र सिंह चौहान भी डेंगू की चपेट में आ गए। जिनका इलाज डॉक्टर केएम द्विवेदी के यहां चल रहा है। इस मोहल्ले में इस तरह के कई लोग डेंगू की चपेट में है लेकिन स्वास्थ्य विभाग कागजी घोड़े दौड़ा रहा है। डेंगू ने अपनी चपेट में दर्जनों लोगों को लेकर बेजार करता चला जा रहा है। मौजूदा समय में विकासखंड कमालगंज के गांव कोठी, जरारी, पटोंजा, जहानगंज सहित दर्जनों गावो में डेंगू अपने पैर पसार चुका है। स्वास्थ्य विभाग के पास इसकी रोकथाम के कोई इंतजाम नहीं है। ना तो जांच की सुविधा है और ना ही डेंगू से पीड़ित रोगी को कोई दवा दी जा रही है। हालात दिन प्रतिदिन बिगड़ते चले जा रहे हैं।
सीएमओ डॉ. सतीश चंद्र से जब इस सम्बंध में बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि उनकी टीमें आठ जगह काम कर रही हैं। हर जगह डेंगू फैल चुका है। वह जांच करवा रहे हैं। आज राज्यपाल जिले में हैं इस वजह से कुछ डॉक्टर उनके पीछे लगे हुए हैं। सीएमओ की फौज राज्यपाल की सुरक्षा में लगी हुई है और आम जनता डेंगू के डंक से कराह रही है। जिसका स्वास्थ्य विभाग पर कोई असर नहीं पड़ रहा है।
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