पिछले 24 घंटे से रुक-रुक कर तेज हवा के साथ बारिश होने से जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। तेज हवा और बारिश होने से किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा। बिहार के बेगूसराय जिला में 25 लाख से अधिक की क्षति पहुंची है। मानसून की विदाई होने के बावजूद बिहार में बारिश का सिलसिला एक बार फिर शुरू हो जाने से पक रहे धान की फसल को बड़े पैमाने पर क्षति पहुंची है। धान के साथ गन्ना और रवि फसल में बोई गई फसल मसूर और सरसों बर्बाद हो गया। बाढ़ और जलजमाव से त्रस्त किसान अभी होश संभाल ही रहे थे कि पकी हुई धान की फसल बर्बाद होने से खून के आंसू रोने को मजबूर हो गए हैं।
मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार पश्चिम बंगाल और उत्तरी उड़ीसा में बने कम दबाव के क्षेत्र के कारण में बिहार में बारिश हो रही है। बारिश का यह सिलसिला अगले दो-तीन दिनों के दौरान जारी रहेगा। 21 अक्टूबर तक तेज हवा, वज्रपात तथा बारिश की संभावना जताई गई है। इससे किसानों की धड़कन और तेज हो गई है, किसान और पशुपालक इंद्रदेव से रहम करने की गुहार लगा रहे हैं।
इस संबंध में एकंबा के प्रगतिशील किसान अनीश कुमार सहित अन्य ने बताया कि तेज हवा के साथ हुई बारिश ने बर्बाद कर दिया। पकने को तैयार धान की फसल बारिश के साथ तेज हवा के कारण गिर कर बर्बाद हो गया है। चार-पांच महीने से किया गया परिश्रम और लगाया गया पूंजी, सब कुछ समाप्त हो गया। गन्ना की फसल को भी बड़े पैमाने पर क्षति पहुंची है।
मसूर एवं सरसों की बुवाई चल रही थी, इन दोनों फसलों को भी क्षति पहुंची है। गेहूंं लगाने के लिए फिर से खेत तैयार करना पड़ेगा, जलजमाव के कारण अब इसमें भी देर होगा। उल्लेखनीय है कि बेगूसराय जिला के 18 में से आठ प्रखंड का कृषि योग्य भूमि बाढ़ के कारण बदहाल हो गया, बड़े पैमाने पर फसल क्षति हुई। शेष प्रखंडों में इस वर्ष समय से पहले भारी बारिश शुरू हो जाने केे कारण जलजमाव की समस्या बरकरार है। किसान इन परेशानियों से अभी उबरे भी नहीं थे कि अब चित्रा नक्षत्र में तेज हवा के साथ हुई जोरदार बारिश ने किसानों को खूून के आंसू रोने पर मजबूर कर दिया है।
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