लखनऊ। हनुमत स्वरूप पूज्य बाबा नीब करौरी महाराज के कैंची धाम मंदिर आश्रम (नैनीताल) में रहने वाली सिद्धि माँ गुरुदेव महाराज की सबसे विश्वसनीय शिष्या थी। बाबा जी ने उन्हें कात्यायनी माँ की संज्ञा दे रखी थी। सिद्धि माँ का गुरुदेव महाराज के प्रति जीवनभर अगाध ईश्वरीय प्रेम और अटूट विश्वास रहा। आश्रम में वह सिर्फ वही सेवा कार्य करती थी जो बाबा जी उनसे कराना चाहते थे।
नैनीताल में रहने वाली सिद्धि माँ की समाज सेविका बेटी गीता साह ने माँ के बारे में यह बात हल्द्वानी में बीते पांच साल से चल रहे निःशुल्क श्रीआनंद आश्रम वृद्धाश्रम में रह रहे बुजुर्गों से मुलाक़ात के बाद आश्रम की अध्यक्ष व ‘ बाबा नीब करौरी महाराज ‘ फीचर फ़िल्म की निर्माता / कहानीकार श्रीमती कनक चंद से बातचीत में कही। उन्होंने कहा कि सिद्धि माँ अलौकिक प्रतिभा की धनी व्यक्तित्व वाली महिला थी। वह सिर्फ उनकी ही नहीं, सभी भक्तों के लिए माँ स्वरूपा थी। उन्हें अपनी माँ पर गर्व है।
उन्होंने आश्रम में देश के विभिन्न प्रांतों से आकर रह रहे बुजुर्गों (महिला व पुरुष) से बातचीत की और आश्रम की व्यवस्था पर प्रसन्नता जाहिर की। समाज सेविका गीता साह ने वृद्धाश्रम में बुजुर्गों व प्रबंधक श्रीमती कनक चंद के साथ काफ़ी समय बिताया और गुरुदेव महाराज की प्रेरणा से संचालित इस वृद्धाश्रम में सहयोग के लिए देश – विदेश में रह रहे बाबा जी के सभी भक्तजनों से यू ट्यूब चैनल के जरिये निवेदन भी किया।
श्रीआनंद आश्रम की संचालिका श्रीमती कनक चंद ने बताया कि वर्ष 2016 में पूज्य बाबा नीब करौरी महाराज जी की प्रेरणा से गरीब, असहाय व दिव्यांग बुजुर्गों के जीवनपर्यन्त निःशुल्क रहने – खाने व इलाज आदि के लिए खोला गया था। तब से देशभर से गरीब – बेसहारा वृद्ध यहाँ आकर रहते हैं। उन्होंने बताया कि कई बुजुर्गों के परिजनों से काउँसिलिंग कर उन्हें घर भी भेज दिया जाता है। बुजुर्ग का आश्रम में निधन होने पर उनका विधि – विधान से अंतिम संस्कार और वृद्धाश्रम में शांति पाठ कराकर शुद्धिकरण भी कराया जाता है।
गरीब – असहाय बुजुर्गों की सेवा कर अत्यधिक आनंद का अनुभव करने वाली श्रीमती कनक चंद ने सिद्धि माँ की बेटी गीता साह को बताया कि युवा पीढ़ी को बुजुर्गों के प्रति जागरूक करने व उनकी सम्मानजनक देखभाल करने लिए आश्रम की ओर से जागरूकता टीमें बनाई गयी हैं जो स्कूल – कालेज में जाकर विभिन्न कार्यक्रमों के लिए छात्र छात्राओं को वृद्धजनों के प्रति जागरूक करते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि श्रीआनंद आश्रम की ओर से हर साल हल्द्वानी में वृद्धाेत्सव का आयोजन किया जाता है जिसमें वरिष्ठ नागरिकों के लिए कई प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं। विजयी बुजुर्गों को पुरस्कृत किया जाता है। इसके अलावा अलग – अलग क्षेत्रों के सात वृद्धजनों को सम्मानित भी किया जाता है।
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