Spasht Awaz Home

Hindi News, Latest News in Hindi Today, Today Hindi News Paper

राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने देशवासियों को दी ओणम की बधाई, जानें क्यों मनाते हैं ये पर्व

केरल का बहुचर्चित त्योहार ओणम शुरू हो चुका है। दस दिन तक चलने वाला ओणम 23 अगस्त को मनाया जाएगा। ये त्योहार उत्तर भारत में मनाई जाने वाली दिवाली से कम नहीं है। ये पर्व 12 अगस्त से प्रारंभ हो चुका है और 23 अगस्त को इसका आखिरी दिन होगा। इस दिन घरों को फूलों और रंगोली से सजाया-संवारा जाता है। इस अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द, उप-राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को देशवासियों को ओणम की शुभकामनाएं दी हैं।

राष्ट्रपति कोविन्द ने ट्वीट संदेश में कहा कि सभी देशवासियों को ओणम की बधाई। यह त्योहार नई फसल का उत्सव है। इसमें किसानों के अथक परिश्रम पर प्रकाश डाला गया है। यह प्रकृति मां के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का अवसर है। मैं सभी साथी नागरिकों के लिए प्रगति और समृद्धि की कामना करता हूं।

पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि सकारात्मकता, जीवंतता, भाईचारे और सद्भाव से जुड़े त्योहार ओणम के विशेष अवसर पर शुभकामनाएं। मैं सभी के अच्छे स्वास्थ्य और भलाई के लिए प्रार्थना करता हूं।

कैलेंडर के मुताबिक़, ओणम का पर्व हर वर्ष भाद्र मास के शुक्ल पक्ष के त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। 21 अगस्त को ओणम का मुख्य पर्व रहेगा। ओणम का पर्व अजर-अमर राजा बलि के लिए मनाया जाता है। वहीं किसान यह पर्व अच्छी फसल होने एवं उपज में वृद्धि के लिए मनाते हैं।

इसलिए मनाते हैं ओणम

कहा जाता है कि ओणम पर्व वहां के राजा बलि के स्वागत में मनाया जाता है। मान्यता है कि केरल के राजा बलि के राज्य में प्रजा बहुत ही सुखी और संपन्न थी। इसी दौरान भगवान विष्णु वामन अवतार लेकर आए और तीन पग में उनका पूरा राज्य लेकर उनका उद्धार कर दिया। माना जाता है कि वे साल में एक बार अपनी प्रजा को देखने जरूर आते हैं। और उन्हीं के आने की खुशी में ओणम मनाया जाता है। घरों को सजाया जाता है। इतना ही नहीं, यह त्योहार किसानों के लिए बहुत अहम होता है। किसान यह त्योहार अपनी अच्छी फसल होने व अच्छी उपज के लिए मनाते हैं। नई फसल के आने की खुशी में भी ओणम मनाया जाता है।

ये होते हैं पर्व के मुख्य आकर्षण

ओणम पर्व केवल राज्य में ही नहीं बल्कि पूरे दक्षिण भारत में धूम-धाम से मनाया जाता है। इस दिन केरल में प्रसिद्ध सर्प नौका दौड़ का भी आयोजन होता है। इसके साथ इस दिन कथकली नृत्य के साथ इस पर्व का लुफ्त उठाया जाता है। दूसरी ओर घरों में की गई सजावट भी पर्व का मुख्य आकर्षण का केंद्र होते हैं। घरों में बनने वाले पकवान, आंगल में बनी रंगोली और घर के बाहर जलते दीप त्यौहार के मुख्य आकर्षण हैं। ओणम से पहले ही यहां के लोग त्यौहार की तैयारियों में लग जाते हैं। ओणम के पहले दिन हाथियों को सजा कर उनकी रैली निकाली जाती है।

ओणम का महत्वपूर्ण दिन

ओणम मलयालम कलैंडर के पहले माह चिंगम के शुरुआत में मनाया जाता है। दस दिन तक चलने वाले इस पर्व में पहला और आखिरी यानि दसवां दिन काफी अहम होता है। इसे केरल में काफी बड़े पैमाने पर मनाया जाता है।

 

About The Author