- हमें गोवंश को प्राचीन काल की तरह जीवन शैली में लाने की जरूरत : रामनाथ कोविंद
- बीएचयू में जैविक कृषि और पंचगव्य चिकित्सा पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का किया उद्घाटन
वाराणसी । पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में पशुओं की चर्बी इस्तेमाल किए जाने को बेहद चिंताजनक बताया है। उन्होंने कहा कि हिंदुओं में प्रसाद को लेकर जो श्रद्धा होती है अब उसमें शंका उत्पन्न हो गई है। ये देश के हर मंदिर की कहानी हो सकती है। हर तीर्थ स्थल में ऐसी मिलावट हो सकती है। सनातन हिंदू धर्म के अनुसार ये बहुत बड़ा पाप है। यह एक विचारणीय विषय है।
पूर्व राष्ट्रपति कोविंद शनिवार को बीएचयू के कृषि शताब्दी सभागार में भारतीय गाय, जैविक कृषि एवं पंचगव्य चिकित्सा विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे बीएचयू के आयुर्वेद संकाय के काय चिकित्सा विभाग और नागपुर के देवलापार स्थित गो-विज्ञान अनुसंधान केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित गोष्ठी में पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि शुक्रवार रात मेरे कुछ सहयोगी श्री काशी विश्वनाथ धाम गए थे। रात में मुझे बाबा का प्रसादम दिया तो मेरे मन में तिरुमाला की घटना याद आई और मेरे मन में थोड़ा खटका। मैंने बाबा विश्वनाथ से कान पकड़कर माफी मांगी कि इस बार मैं आपका दर्शन नहीं कर पाया लेकिन बाबा विश्वनाथ के प्रसादम में हर किसी का अटूट भरोसा और श्रद्धा है।
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