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फर्रुखाबाद: स्वास्थ्य केन्द्रों पर मनाया गया विश्व ह्रदय दिवस, किया गया लोगों को जागरुक

फर्रुखाबाद: वर्तमान में अव्यवस्थ‍ित दिनचर्या, तनाव, गलत खान-पान, पर्यावरण प्रदूषण एवं अन्य कारणों के चलते हृदय रोग की समस्याएं तेजी से बढ़ी हैं। छोटी उम्र से लेकर बुजर्गों तक में हृदय से जुड़ी समस्याएं होना अब आम बात हो गई है।  हृदय के प्रति जागरूकता पैदा करने और हृदय संबंधी समस्याओं से बचने के लिए विभिन्न उपायों पर प्रकाश डालने के मकसद से दुनियाभर में हर साल 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है।

शहर के मोहन लाल शुक्ला इंटर कालेज में विश्व ह्रदय  दिवस  पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी और गैर संचारी रोगों  के नोडल अधिकारी डॉ दलवीर सिंह ने किशोर स्वास्थ्य मंच का फीता काटकर शुभारम्भ किया। इस दौरान उपस्थित बच्चों को  स्वास्थ्य के प्रति जागरुक करते हुए पोस्टर प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया, जिसमें हिमांशु ने प्रथम, तहजीब ने  दूसरा  और शादाब ने  तीसरा स्थान प्राप्त किया।

इस दौरान लगभग 72 बच्चों के स्वास्थ्य का परीक्षण किया गया जिसमें एक बच्चे में खून की कमी और वजन कम पाया गया जिसको लोहिया अस्पताल में चिकित्सीय परामर्श के लिए भेजा गया।

डॉ दलवीर सिंह ने बच्चों को ह्रदय  दिवस पर जागरुक करते हुए कहा कि आधुनिकता की इस भागमभाग में हम अपने स्वास्थ्य का ध्यान नहीं रख पा रहे हैं।लोगों के  गलत खानपान, अनियमित दिनचर्या  उनको बीमार बना रही है। डॉ सिंह ने कहा कि हृदय रोगों का तेजी से बढ़ना और उससे होने वाली मौतों के आंकड़ों को देखते हुए, हृदय के प्रति गंभीर होने  की आवश्यकता है। इसके लिए जरूरी है कि  हृदय के प्रति कुछ सावधानियां अपनाई जाएं  और उनका सख्ती से पालन किया जाए। अधिकांश मामलों में हृदय रोग का प्रमुख कारण तनाव ही होता है और मधुमेह, उच्च रक्तचाप जैसी समस्याएं भी हृदय रोगों को जन्म देती है। इन सभी बीमारियों से बचने के लिए स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देना व सावधानी रखना अनिवार्य है।

डॉ राममनोहर लोहिया चिकित्सालय पुरुष में तैनात ह्रदय रोग विशेषज्ञ डॉ मनोज पाण्डेय ने कहा कि आज दिल की बीमारी किसी भी उम्र में किसी को भी हो सकती है, इसके लिए कोई निर्धारित उम्र नहीं होती। पुरुषों में महिलाओं की तुलना में हृदय रोग की संभावनाएं ज्यादा होती हैं, बावजूद इसके वह  इस बीमारी के जोखिमों को नजरअंदाज कर देते हैं। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में एक दिल ही है, जिस पर सबसे अधिक बोझ पड़ता है। तनाव, थकान, प्रदूषण आदि कई वजहों से रक्त का आदान-प्रदान करने वाले इस अति महत्वपूर्ण अंग को अपना काम करने में मुश्किल होती है।

इस दौरान डीपीएम कंचनबाला, राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के जिला सलाहकार  चन्दन यादव, मोहनलाल शुक्ला इंटर कालेज के प्रधानाचार्य चंद्रपाल और कालेज के अध्यापक मौजूद रहे।

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