फर्रुखाबाद। मच्छर के काटने से कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। इन्हीं बीमारियों के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए हर वर्ष 20 अगस्त को विश्व मच्छर दिवस मनाया जाता है। मोहर्रम का अवकाश होने के कारण यह दिवस अब सोमवार को मनाया जायेगा। यह कहना है जिला मलेरिया अधिकारी सुजाता ठाकुर का।
डीएमओ ने बताया कि जुलाई-अगस्त बरसात का महीना होता है, इस दौरान जगह-जगह जलभराव हो जाता है, इन्हीं स्थानों पर मच्छर पनपते हैं और गंभीर बीमारियों को जन्म देते हैं, जो कि कभी-कभी जानलेवा भी साबित होती हैं।
डीएमओ ने बताया कि गर्मी और बारिश के मौसम में मच्छर बहुत ही तेजी से पनपते हैं। बारिश के दिनों में नमी और जगह-जगह पानी जमा होने के कारण मच्छरों के पनपने का वातावरण निर्मित हो जाता है। पूरी दुनिया में मच्छरों की 3500 प्रजातियां पाई जाती है, जिनमें से कुछ बहुत ज़्यादा खतरनाक होती हैं। मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, जापानी इंसेफेलाइटिस, फाइलेरिया, जीका वायरस और पीत ज्वर जैसी बीमारियों की वजह से जीवन को गंभीर खतरा हो सकता है।
डीएमओ ने बताया कि इस वर्ष अभी तक लगभग 20 लोग मलेरिया से और 8 लोग डेंगू से ग्रसित मिले सभी लोग स्वस्थ हैं। उन्होंने बताया कि गांवों में जागरूकता अभियान आशा कार्यकर्त्ता के माध्यम से चलाया जा रहा है ।
डीएमओ का कहना है कि यदि डेंगू के किसी भी प्रकार के लक्षण दिखें तो फौरन नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर डाक्टर को दिखाएं। डॉ राममनोहर लोहिया अस्पताल में डेंगू मरीजों के लिए अलग से 6 बेड का एक वार्ड भी बनाया गया है।
मच्छर से बचाव के उपाय
जगह-जगह पानी न भरने दें। जल भराव के स्थान पर मिट्टी का तेल या पेट्रोल की कुछ बूंदे रोजाना डालें।
विटामिन सी की अधिकता वाले फल जैसे आंवला, संतरा इत्यादि खाएं।
पानी की टंकियों, कूलर, ट्यूब तथा टायरों में पानी इकट्ठा न होने दें।
घरेलू नुस्खे जैसे हल्दी, तुलसी के पत्ते, गेंहू के जवारे, गिलोय के बेल की डंडी का काढ़ा इत्यादि का सेवन करें।
फुल आस्तीन के कपड़े पहनें
विश्व मच्छर दिवस को मनाने की शुरुआत 1897 में हुई थी जब एक ब्रिटिश डॉक्टर रोनाल्ड रॉस ने यह जाना की मादा मच्छर के काटने से मनुष्य के शरीर में मलेरिया और डेंगू जैसी घातक बीमारी फ़ैल रही है|
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