उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के चर्चित बिकरू कांड के मामले में चौकाने वाला खुलासा हुआ है। जहां न्यायिक आयोग ने शहर में तैनात रहे डीआईजी अनंत देव समेत 13 राजपत्रित पुलिसकर्मियों को दोषी ठहराया है। इससे पहले एसआईटी भी इन राजपत्रित अधिकारियों को आरोपियों से मिलीभगत, लापरवाही के आरोपों में दोषी ठहरा चुकी है।
बता दें कि बिकरू कांड की जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन किया गया था। आयोग ने शहर में तैनात रहे डीआईजी अनंत देव के अलावा 12 डिप्टी एसपी दोषी पाए गए हैं। आयोग ने इन सभी के खिलाफ कार्रवाई की संतुति की है। आयोग ने पाया है कि बिकरू कांड के पीछे इनकी लापरवाही व मिलीभगत रही है। विकास दुबे को शरण देने और उस पर नरमी बरतने में पुलिस कोई कसर नहीं छोड़ी। इसलिए इन सभी को दोषी ठहराया है।
आयोग ने एसआईटी उस रिपोर्ट को भी अपनी जांच रिपोर्ट में शामिल किया है, जिसमें एसआईटी ने पुलिसिंग को लेकर बदलाव करने के सुझाव दिये थे कि किसी तरह से पुलिसिंग की जरूरत है। जिससे अपराधी भय में रहे और इस तरह की हिमाकत न करें।
जब्त की जाएंगी संपत्तियां
बिकरू कांड के जिन 34 आरोपियों पर पुलिस ने गैंगस्टर की कार्रवाई की थी अब उनकी संपत्ति को जब्त करने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। एडीजी जोन ने संबंधित अफसरों को 10 दिन के भीतर इन आरोपियों की एक-एक संपत्ति चिह्नित करने के निर्देश दिए हैं। उसके बाद टीम गठित कर एक-एक आरोपी की पूरी संपत्ति गैंगस्टर एक्ट के तहत जब्त की जाएगी।
More Stories
नमामि गंगे ने छात्राओं को समझाया इसको अपने जीवन शैली में अपनाने की अपील
कानपुर देहात: गत्ता फैक्ट्री में लगी आग, मजदूर झूलसे
पूर्व राष्ट्रपति कोविंद ने तिरुपति बालाजी पर जतायी चिंता