उत्तर प्रदेश में वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में शिवलिंग मिलने से उत्पन्न स्थिति पर हिन्दू धर्म के साधु-संत अगले महीने विचार-विमर्श करेंगे।
विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने सोमवार यहां कहा कि 11 और 12 जून साधु-संत हरिद्वार में बैठक करेंगे और ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग मिलने के बाद की स्थिति पर मंथन करेंगे। इस बैठक में 250-300 संत शामिल होंगे।
उन्होंने कहा कि वाराणसी में ज्ञानवापी में सर्वे के दौरान एक कमरे में शिवलिंग मिलने से स्वयं सिद्ध हो गया है कि वह मंदिर है। उन्होंने कहा कि शिवलिंग दोनों पक्षों और उनके वकीलों की उपस्थिति में मिला है।
उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी में सर्वे के दौरान मिले इस साक्ष्य को समस्त देशवासी स्वीकार करेंगे और इसका आदर करेंगे। शिवलिंग मिलने के बाद इसकी जो स्वाभाविक परिणतियां हैं, देश उस तरफ़ आगे बढ़ेगा। उन्होंने बताया कि न्यायालय ने ज्ञानवापी के शिवलिंग वाले हिस्से को संरक्षित किया है। पुलिस अधिकारियों का दायित्व है कि वहां कोई छेड़छाड़ नहीं हो। उन्होंने भरोसा जताया कि यह विषय अपने परिणाम तक पहुंचेगा।
श्री कुमार ने कहा कि मामला क्योंकि अभी न्यायालय में है, इसलिए अधिक टिप्पणी करना ठीक नहीं होगा। न्यायालय का निर्णय आने के बाद विश्व हिंदू परिषद इसके बारे में आगे विचार करेगी और तभी तय किया जाएगा कि अगला कदम क्या उठाया जाएगा।
उन्होंने कहा,“ हमने कहा था कि श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण तक हम न्यायालय के निर्णय की प्रतीक्षा करेंगे। अब बदली हुई परिस्थितियों में हम इस मामले को आगामी 11-12 जून को हरिद्वार में होने वाली अपने केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक में पूज्य सन्तों से समक्ष रखेंगे। ”
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