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परिवहन विभाग खरीदेगा ‘स्पीड रडार गन’, तेज रफ्तार वाहनों की खैर नहीं!

परिवहन विभाग तेज रफ्तार की वजह से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए जल्द ही ‘स्पीड रडार गन’ खरीदने जा रहा है। इससे चेकिंग दल सड़क पर तेज रफ्तार से दौड़ने वाले वाहनों का चालान कर सकेंगे।

राजधानी लखनऊ सहित प्रदेश भर में तेज रफ्तार से गाड़ी चलाने वाले अब चालान से नहीं बच पाएंगे। ओवर स्पीड से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए परिवहन विभाग 130 ‘स्पीड रडार गन’ जल्द खरीदने जा रहा है। इसके सहारे आरटीओ चेकिंग दल सड़क पर तेज रफ्तार से दौड़ने वाले वाहनों का चालान कर सकेंगे। चालान कटते ही गाड़ी मालिक के मोबाइल नम्बर पर ओवर स्पीड का ब्योरा सहित चालान की धनराशि पहुंच जाएगी।

सड़क पर दौड़ रहे वाहनों की रफ्तार माप सकेगा ‘स्पीड रडार गन’

सड़कों पर तेज रफ्तार से दौड़ रहे वाहनों की गति को ‘स्पीड रडार गन’ से मापा जा सकेगा। सीमा से ज्यादा तेज गति से दौड़ रहे वाहनों का मौके पर ही चालान कट जाएगा। स्पीड रडार गन की मदद से वाहन चालक को सबूत के तौर पर वीडियो भी दिखाया जा सकेगा।

प्रदेश में रफ्तार की वजह से बढ़ रहे सड़क हादसे

राजधानी लखनऊ सहित पूरे प्रदेश में बीते दस महीनों में करीब 39.2 प्रतिशत सड़क हादसे तेज रफ्तार से वाहन चलाने से हुए हैं। ऐसे हादसों को हाइवे और नेशनल हाइवे पर रोकने के लिए परिवहन विभाग नई कवायद करने जा रहा है। अभी तक परिवहन विभाग के पास तेज रफ्तार से वाहनों पर नियंत्रण के लिए मात्र छह इंटरसेप्टर वाहन हैं, जो कि वाहनों के बढ़ती संख्या के आगे नाकाफी हैं।

अपर परिवहन आयुक्त सड़क सुरक्षा पुष्पेंद्र सत्यार्थी का कहना है कि तेज रफ्तार से चलने वाले वाहनों पर नियंत्रण करने के लिए परिवहन विभाग के पास उपकरणों की कमी है। इस वजह से विभाग अब ‘स्पीड रडार गन’ खरीदने जा रहा है, ताकि ओवर स्पीड वाहनों को काबू में किया जा सके।

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