UP News उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में आग बुझाने के लिये पानी की आपूर्ति का कोई साधन न होने से कभी भी कोई बड़ी घटना हो सकती है। 25 साल पहले जमीदोंज हो चुके करीब सात फायर हाइडेंटों को आज तक निकालने व उनके बदले दूसरे फायर हाइडेंटों की स्थापना नहीं की गयी है।यही नहीं,ग्रामीण क्षेत्रों में केवल अभी तक 35 नलकूपों में कपलिंग पाइप लगाये गये है, जिससे आग लगने के समय नलकूपों से अग्निशममन विभाग पानी भी नही ले सकता है।
जिला अग्निशमन अधिकारी राहुल पाल ने बताया कि हमीरपुर जिला बुन्देलखंड में आग लगने के मामले में सबसे ज्यादा संवेदनशील है। लोगो में जागरुकता न होने के कारण आये दिन आग जैसी घटनाएं होती रहती है,मार्च के महीने में
पचास से अधिक घटनाएं आग की हो चुकी है। हमीरपुर शहर में आग की घटनाओं को देखते हुये कई साल पहले चिंहित स्थानों में फायर हाइडेंट लगाये गये थे, जहां से आग लगते ही पाइप लगाकर अग्निशमन विभाग के कर्मी वहां से पानी लेकर बड़े बड़े पाइपो के माध्यम से संबंधित स्थल में जाकर आग बुझा देते थे मगर 25 साल पहले शहर में सड़के बनती गयी और उसी में सभी फायर हाईडेंट जमीन में ही दब गये तब से आज तक इस पर कोई विचार नही किया गया है।उन्होने कहा कि हर साल शासन व प्रशासन को फायर हाइडेंट के महत्व व उनकी आवश्यकता के बारे में अवगत करा दिया जाता है मगर उसका कोई हल नही निकला है,हमीरपुर शहर में केवल दो फायर हाइडेंट है जो एक विभाग के पास है दूसरा न्यायालय में लगा है जबकि जो फायर हाइडेंट चिंहित स्थलो पर थे उनका होना बहुत आवश्यक है। फायर हाईडेंट हर कस्बे में होना चाहिये ताकि पानी मिलने में कोई असुविधा न हो।
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