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लखनऊ : सवर्ण आयोग की मांग को लेकर एडीएम को सौंपा ज्ञापन

संवाददाता- आर एल पाण्डेय

लखनऊ। सामान्य वर्ग के साथ निरंतर हो रहे भेदभाव, पक्षपात, उत्पीड़न ,दमन, शोषण की समाप्ति एवं सवर्ण आयोग के गठन के लिए मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन आजाद मंच के प्रतिनिधिमंडल ने एडीएम को कलेक्ट्रेट में सौंपा। आजाद मंच की प्रदेश अध्यक्ष रागिनी अवस्थी ने कहा कि भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है।

देश के प्रत्येक नागरिक को बिना जातीय लैंगिक, क्षेत्रीय या धार्मिक भेदभाव के सामान्य अवसर मिलना लोकतंत्र का मूल सिद्धांत है लेकिन भारत में लोकतंत्र के नाम पर बनी संसद द्वारा लोकतंत्र के मूल सिद्धांत समानता की निरंतर हत्या की जा रही संसद सदस्य वोट बैंक के अंतहीन लालच में तरह-तरह के जातीय कानून बनाकर सामान्य वर्ग के नागरिकों, युवाओं, छात्रों, गरीबों, मजदूरों, किसानों, कर्मचारियों ,महिलाओं और रोगियों तक के साथ न्याय, शिक्षा, नौकरी, प्रमोशन, राजनीति ,छात्रवृत्ति, चिकित्सालय, मुआवजाआदि चौतरफा भेदभाव कर रहे हैं। वंचित कर रहे हैं, उपेक्षित कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि 1990 तक केवल 22.5 0% आरक्षण था जिसे 8 अगस्त 1990 को मंडल कमीशन के द्वारा सभी अमीर जातियों को पिछड़ा घोषित करके 27% आरक्षण और बढ़ा दिया गया जिससे शेष बची तथाकथित सामान्य वर्ग की आबादी के साथ अपने ही देश में गुलामों जैसा व्यवहार किया जाने लगा बात यहीं समाप्त नहीं होती। अभी भी सभी राजनीतिक दल आरक्षण की सीमा 50% से ऊपर बनाना चाहते हैं जिसे सर्वोच्च न्यायालय असंवैधानिक घोषित कर चुका है।

आजाद मंच भारत के राष्ट्रीय अध्यक्ष यू एस राणा ठाकुर के निर्देशन,  प्रदेश अध्यक्ष रागिनी अवस्थी के नेतृत्व में आजाद मंच के सुनील सिन्हा, एस एन पांडेय, नंदिता खन्ना पीके दीक्षित रवि अवस्थी विपुल अवस्थी लता तिवारी विशाल तिवारी राकेश श्रीवास्तव आशीष मिश्रा ने प्रतिनिधिमंडल के साथ कलेक्ट्रेट में एडीएम को ज्ञापन सौंपा।

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