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Amitabh Bachchan Birthday: आज भी मशहूर है बिग बी की फिल्मों के ये डायलॉग

बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन आज अपना 79 वां साल का बर्थडे सेलिब्रेट कर रहे हैं। 11 अक्टूबर, 1942 को जन्में मशहूर कवि हरिवंश राय बच्चन और तेजी बच्चन के बेटे अमिताभ बच्चन लगभग 50 सालों से बॉलीवुड पर राज कर रहे हैं। अमिताभ बच्चन ने साल 1969 में आई फिल्म ‘सात हिन्दुस्तानी’ से अपने अभिनय करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने अब तक लगभग 200 फिल्मों में काम किया और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई। लाखों दिलों पर राज करने वाले अमिताभ बच्चन के जन्मदिन पर आज हम आपको बता रहे हैं उनकी फिल्मों के कुछ ऐसे डायलॉग,जो आज भी फैंस के बीच काफी मशहूर हैं।

फिल्म- आनंद

आनंद मरा नहीं, आनंद मरते नहीं (आनंद): साल 1971 में रिलीज हुई ऋषिकेश मुखर्जी निर्देशित फिल्म आनंद में अमिताभ बच्चन द्वारा बोला गया यह डायलॉग दर्शकों के बीच काफी मशहूर हुआ। अमिताभ बच्चन, राजेश खन्ना और सुमिता सान्याल अभिनीत यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट रही एवं इस फिल्म के लिए अमिताभ को फिल्मफेयर के बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर के अवार्ड से भी नवाजा गया था।

फिल्म- जंजीर

जब तक बैठने के लिए ना कहा जाए, शराफत से खड़े रहो… : अमिताभ बच्चन, जया भादुड़ी और प्राण अभिनीत साल 1973 में रिलीज हुई प्रकाश मेहरा की फिल्म जंजीर में अमिताभ बच्चन एक पुलिस इंस्पेक्टर की भूमिका में नजर आये। फिल्म में उनके द्वारा बोला गया संवाद ‘जब तक बैठने के लिए ना कहा जाए, शराफत से खड़े रहो। ये पुलिस स्टेशन है तुम्हारे बाप का घर नहीं’ आज भी दर्शकों के बीच काफी चर्चित है।

फिल्म- दीवार

‘पीटर तुम लोग मुझे वहां ढूंढ रहे हो और मैं तुम्हारा यहां इंतजार कर रहा हूँ…. : यश चोपड़ा के निर्देशन में अमिताभ बच्चन, शशि कपूर,निरुपा रॉय, नीतू सिंह और परवीन बॉबी अभिनीत फिल्म दीवार’ का यह डायलॉग काफी चर्चा में रहा। साल 1975 में रिलीज हुई फिल्म दीवार का यह डायलॉग उस समय हर किसी की जुबान पर छाया हुआ था।

फिल्म- कालिया

हम जहां खड़े होते हैं वहां से लाइन शुरू होती है (कालिया) : साल 1981 में रिलीज हुई टीनू आनंद निर्देशित फिल्म ‘कालिया’ का यह डायलॉग आज भी उतना ही फेमस है, जितना उस समय था।

फिल्म- शहंशाह

रिश्ते में तो हम तुम्हारे बाप होते हैं, मगर नाम है शहंशाह (शहंशाह): टीनू आनंद के निर्देशन में बनी साल 1988 में आई अमिताभ बच्चन की फिल्म ‘शहंशाह’ का डायलॉग हममें से शायद हर कोई अपनी जिंदगी में गाहे-बगाहे इस्तेमाल कर ही लेता है।

फिल्म- डॉन

डॉन को पकड़ना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन है(डॉन): अमिताभ बच्चन, जीनत अमान, प्राण और हेलन अभिनीत साल 1978 में आई फिल्म डॉन का यह डायलॉग आज भी युवाओं की जुबान पर चढ़ा हुआ है।

फिल्म: अग्निपथ

डायलॉग: पूरा नाम, विजय दीनानाथ चौहान, बाप का नाम दीनानाथ चौहान, मां का नाम सुहासिनी चौहान गांव मंडवा, उमर छत्तीस साल।

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