अफगानिस्तान में शुक्रवार को महिलाओं का प्रदर्शन हिंसक हो गया। तालिबान ने उन्हें प्रेसिडेंशियल पैलेस में जाने से रोकने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। ये महिलाएं अपने अधिकारों के लिए प्रदर्शन कर रही हैं। ये नई सरकार में प्रतिनिधित्व चाहती हैं। ये चाहती हैं कि इन्हें इनका अधिकार मिले औऱ ये राजनीतिक तौर पर निर्णायक भूमिका भी निभाएं।
महिला अधिकारों के लिए लड़ने वाले समूह ने तालिबान से मांग की है कि वर्तमान की सरकार में महिलाओं को अवसर दिया जाए। समूह ने इस प्रदर्शन से संबंधित वीडियो की लाइव स्ट्रीमिंग भी की है। विशेषज्ञों का मानना है कि आतंकवादी समूह शासन के तहत अफगान महिलाओं को अनिश्चित भविष्य का सामना करना पड़ सकता है।
Video: A number of women rights activists and reporters protested for a second day in Kabul on Saturday, and said the protest turned violent as Taliban forces did not allow the protesters to march toward the Presidential Palace. #TOLOnews pic.twitter.com/X2HJpeALvA
— TOLOnews (@TOLOnews) September 4, 2021
इससे पहले दर्जनों अफगान महिलाओं ने गुरुवार को पश्चिमी अफगान शहर हेरात में विरोध प्रदर्शन किया था, जिसमें तालिबान द्वारा युद्धग्रस्त देश पर नियंत्रण करने के बाद सरकार के गठन में अधिकारों और महिला प्रतिनिधित्व की मांग की गई थी। हाल के हफ्तों में तालिबान महिलाओं के काम करने के बारे में मिश्रित संदेश भेज रहा है। अगस्त के अंत में समूह के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि सरकार के साथ काम करने वाली महिलाओं को तब तक घर पर रहना चाहिए जब तक वे सड़कों और कार्यालयों में अपनी सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर लेतीं।
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