Spasht Awaz Home

Hindi News, Latest News in Hindi Today, Today Hindi News Paper

सुप्रीम कोर्ट को निष्क्रिय बनाने के लिए हर चीज पर विचार नहीं किया जा सकताः प्रधान न्यायाधीश

We cannot run the country: Supreme Court on plea about captive elephants in Keralaनयी दिल्ली। भारत के प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने मंगलवार को कहा कि देश में ध्यान देने योग्य एक हजार मुद्दे हो सकते हैं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट को निष्क्रिय बनाने के लिए हर चीज पर विचार नहीं किया जा सकता है। उन्होंने केरल में बांधकर रखे गये हाथियों की मौत से जुड़ी एक अंतरिम याचिका पर सुनवाई करने से इनकार करते हुए यह टिप्पणी की। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि ये स्थानीय मुद्दे हैं, जिन्हें उच्च न्यायालयों द्वारा निपटाया जा सकता है। यदि वे कोई गंभीर त्रुटि करते हैं, तो हम यहां उन त्रुटियों को सुधारने के लिए हैं। लेकिन आप जानते हैं… हम देश कैसे चला सकते हैं। पीठ ने कहा कि देश में सर्वोच्च न्यायालय की क्या भूमिका है… आप जानते हैं हम देशभर में उठने वाले सूक्ष्म मुद्दों को निपटाने के लिए नहीं हैं। यदि उच्च न्यायालय कोई गंभीर गलती करता है, तो हम हैं और उस गलती को सुधारेंगे। एक हस्तक्षेपकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सीयू सिंह ने शुरुआत में केरल में बांधकर रखे गये हाथियों की मौत और नियमों के उल्लंघन का मुद्दा उठाया और मामले पर तत्काल सुनवाई का आग्रह किया। सिंह ने कहा केरल में फरवरी 2019 से नवंबर 2022 के बीच उपेक्षा और अत्यधिक काम लिए जाने के कारण 135 से अधिक बांध कर रखे गये हाथियों की मौत हो गई।’ पीठ ने सिंह से उच्च न्यायालय का रुख करने को कहा। उसने कहा कि उच्च न्यायालय के न्यायाधीश स्थानीय परिस्थितियों और प्रभावों से अवगत हैं। प्रधान न्यायाधीश ने लंबित मामलों में अंतरिम याचिकाओं की ‘बढ़ती संख्या’ पर नाराजगी जताई। उन्होंने शीर्ष अदालत की भूमिका को समझने की आवश्यकता पर जोर दिया। इस बात पर जोर देने पर कि मामले की सुनवाई शीर्ष अदालत में ही की जाए, पीठ ने कहा कि अब हम उच्चतम न्यायालय को निष्क्रिय बनाने के लिए यहां हर चीज पर विचार नहीं कर सकते।

About The Author