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लखीमपुर हिंसा मामला: प्रशासन और किसानों के बीच इन शर्तों पर हुआ समझौता!

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में प्रशासन-किसानों के बीच समझौता हो गया है। बताया जा रहा है कि हिंसा के दौरान मारे गए सभी मृतकों को 45-45 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। साथ ही मृतकों के परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाएगी। इसके अलावा घायलों को 10-10 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी। मामले की जांच हाई कोर्ट के रिटायर जस्टिस की निगरानी में की जाएगी। भारतीय किसान यूनियन के कर्ता-धर्ता राकेश टिकैत और एडीजी प्रशांत कुमार के बीच बातचीत के बाद सोमवार को यह जानकारी दी गई।

एडीजी प्रशांत कुमार ने प्रेस कॉंफ्रेंस में कहा कि सभी चार मृतक किसानों के परिवार वालों को 45-45 लाख रुपए का मुआवजा मिलेगा। परिवार वालों में से एक को नौकरी भी दी जाएगी और पूरे मामले की रिटायर्ड जज के जरिए न्यायिक जांच होगी। किसानों की शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज़ की जाएगी। हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज मामले की जांच करेंगे।

कार्रवाई नहीं हुई तो करेंगे पंचायात

राकेश टिकैत ने कहा कि पहली बात हुई है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री का नाम एफआईआर में दर्ज हुआ है, 10-11 दिन का जो समय प्रशासन ने मांगा है अगर उसके अंदर का कार्रवाई नहीं की गई तो हम पंचायत करेंगे, हम किसानों के दाह संस्कार तक यही रहेंगे और पांच डॉक्टरों की निगरानी में पोस्टमॉर्टम होगा और उसका वीडियो रिकॉर्डिंग ही किया जाएगा। किसान नेता ने कहा कि अभी इंटरनेट नहीं चल रहा है इसलिए हमें बहुत सारी वीडियो सबूत नहीं मिले हो लेकिन जैसे ही इंटरनेट चलेगा, आपके पास कोई वीडियो है तो वह हमें जरूर भेजें।

क्या है पूरा मामला

किसान नेताओं का आरोप है कि केंद्रीय गृहराज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा ने किसानों पर गाड़ी चढ़ाई, जिससे चार किसानों की मौत हो गई, साथ ही कई किसान घायल हुए हैं। वहीं केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा ने आजतक से बातचीत में बताया कि किसानों की हिंसा में बीजेपी के तीन कार्यकर्ताओं और कार ड्राइवर की जान गई है।

दरअसल, लखीमपुर खीरी में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का दौरा था। केंद्रीय गृहराज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे उन्हें रिसीव करने जा रहे थे, लेकिन इस दौरान किसानों ने रास्ता रोक लिया और काले झंडे दिखाए। झड़प के दौरान गाड़ी की टक्कर से किसानों की मौत हो गई, जिसके बाद किसानों ने भारी हंगामा किया।

हालांकि, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा का दावा है कि हादसे के वक्त उनका बेटा मौजूद नहीं था। फिलहाल स्थिति को काबू में करने के लिए एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखीमपुर खीरी भेजा है। साथ ही पुलिस की कई कंपनियां भी मौके पर तैनात हैं।

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