प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश दौरे के दौरान 9600 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की विकास परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित कीं। पीएम मोदी ने गोरखपुर में आयोजित एक सार्वजनिक समारोह में गोरखपुर उर्वरक संयंत्र राष्ट्र को समर्पित किया। इस संयंत्र की आधारशिला प्रधानमंत्री ने 22 जुलाई, 2016 में रखी थी। 30 वर्ष से अधिक अर्से तक बंद रहने के बाद इसे फिर से पूर्वरूप में लाया गया है और लगभग 8600 करोड़ रुपये की लागत से इसका निर्माण किया गया है।
यूरिया के उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने के प्रधानमंत्री के विजन से प्रेरणा लेकर इसे फिर से प्रारंभ किया जा रहा है। गोरखपुर संयंत्र स्वंदेशी नीम कोटेड यूरिया का सालाना 12.7 एलएमटी उत्पादन कर उसे उपलब्ध कराएगा। यह पूर्वांचल क्षेत्र और आसपास के इलाकों के किसानों की यूरिया उर्वरक की मांग की पूर्ति करने की दिशा में उनके लिए अत्यंत लाभकारी साबित होगा। यह क्षेत्र के समग्र आर्थिक विकास को भी प्रोत्साहन देगा।
#WATCH | PM Narendra Modi greets the crowd at the event in Gorakhpur where he inaugurated several development projects today. CM Yogi Adityanath was also present with him at the occasion. pic.twitter.com/RETQtrbaGl
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) December 7, 2021
इस परियोजना को हिंदुस्तान उर्वरक और रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) के नेतृत्व में स्थापित किया गया है, जो नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन, कोल इंडिया लिमिटेड, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड, फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, हिंदुस्तान फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन लिमिटेड की एक संयुक्त उपक्रम कंपनी है और यह गोरखपुर, सिंदरी व बरौनी उर्वरक संयंत्रों के पुनरुद्धार पर काम कर रही है। गोरखपुर संयंत्र के लिए एम/एस टोयो इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन, जापान और टोयो इंजीनियरिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंसोर्टियम ने केबीआर, यूएसए (अमोनिया) और टोयो, जापान (यूरिया के लिए) के रूप में प्रौद्योगिकी/ लाइसेंसर्स के साथ काम पूरा किया गया है। इस परियोजना में 149.2 मीटर का दुनिया का सबसे ऊंचा प्रिलिंग टावर है। इसमें भारत का पहला वायु संचालित रबर डैम और सुरक्षा पहलुओं को बढ़ाने के लिए ब्लास्ट प्रूफ नियंत्रण कक्ष भी है।
Everybody knew the importance of Gorakhpur fertiliser plant for farmers & employment here. But pervious govts showed no interest in starting it. Everyone knew that AIIMS Gorakhpur has been a long pending demand but the govts before 2017 made excuses in allotting land for it: PM pic.twitter.com/tV49Ce5leq
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) December 7, 2021
प्रधानमंत्री ने गोरखपुर स्थित एम्स के पूरी तरह से कार्य कर रहे परिसर को भी राष्ट्र को समर्पित किया। इसे 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाया गया है। परिसर की आधारशिला प्रधानमंत्री द्वारा 22 जुलाई, 2016 को रखी गई थी। इसकी स्थापना प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत की गई है, जिसमें प्रधानमंत्री की दूरदृष्टि के अनुसार तृतीय स्तर की स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं की उपलब्धता में क्षेत्रीय असंतुलन को ठीक करने के लिए संस्थान स्थापित किए जा रहे हैं। एम्स, गोरखपुर की सुविधाओं में 750 बेड का अस्पताल, मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज, आयुष भवन, सभी कर्मचारियों के रहने के लिए आवास, यूजी और पीजी छात्रों के लिए छात्रावास आदि शामिल हैं।
Beginning of a fertiliser plant & AIIMS in Gorakhpur is sending out several messages. When there is a double engine govt, then work takes place in double speed. When work is done with honest intentions, then even calamities can't become obstacles: PM Narendra Modi in Gorakhpur pic.twitter.com/lp0DakI6e0
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) December 7, 2021
प्रधानमंत्री ने आईसीएमआर-क्षेत्रीय चिकित्सा अनुसंधान केन्द्र (आरएमआरसी), गोरखपुर के नए भवन का भी उद्घाटन किया। क्षेत्र में जापानी इंसेफेलाइटिस / एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम की चुनौती से निपटने में केन्द्र की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ नया भवन संचारी और गैर-संचारी रोगों के क्षेत्रों में अनुसंधान के नए क्षितिज के साथ-साथ क्षमता निर्माण में मदद करेगा और क्षेत्र के अन्य चिकित्सा संस्थानों को सहायता प्रदान करेगा।
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