पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आज नई पार्टी बनाने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने कहा कि वह शीघ्र ही अपनी नई पार्टी का गठन करने जा रहे हैं। पार्टी के नाम का चुनाव आयोग की स्वीकृति मिलने के बाद घोषित कर दिया जाएगा। फिलहाल कांग्रेस के कई नेता उनके सम्पर्क में हैं। बुधवार को यहां एक प्रेस कान्फ्रेंस में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि उनकी नई पार्टी पंजाब की सभी 117 विधान सभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। सीटों को लेकर भाजपा और एक अन्य पार्टी अकाली दल संयुक्त से गठबंधन की बातचीत होगी और उसके बाद वे एक दूसरे के सामने अपने उम्मीदवार नहीं खड़े करेंगे।
उन्होंने कहा कि एक बात साफ़ है कि नवजोत सिंह सिद्धू जिस क्षेत्र से भी चुनाव लड़ेंगे, उनका मुकाबला किया जायेगा। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही वे अपनी नई पार्टी की घोषणा करेंगे। इस बारे में चुनाव आयोग के पास पार्टी पंजीकरण के लिए आवेदन दिया हुआ है। पार्टी पंजाब चुनाव के लिए शीघ्र ही चुनाव घोषणा पत्र समिति का गठन करेगी। चुनाव आयोग के निर्णय के उपरांत ही पार्टी के नाम की घोषणा की जाएगी। उन्होंने खुलासा किया कि कांग्रेस के अनेक नेता और विधायक उनके संपर्क में हैं, जिनके नाम सही वक्त आने पर ही सार्वजनिक किए जाएंगे। उन्होंने दोहराया कि कांग्रेस, अकाली दल और आम आदमी पार्टी को पराजित करने के लिए वे भाजपा और कुछ अन्य समान विचारधारा वाली पार्टियों से गठजोड़ अथवा समझौते की बात करेंगे।
#WATCH | Capt Amarinder Singh speaks on Sidhu's tweet on him, "He knows nothing, talks too much, doesn't have brains. I never spoke to Amit Shah or Dhindsa over this, but I'll. I want to be strong to fight Cong,SAD,AAP. I'll talk to them,we'll put up united front to defeat these" pic.twitter.com/gCZbggRivK
— ANI (@ANI) October 27, 2021
उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा पंजाब और अन्य राज्यों के सीमान्त क्षेत्रों में बीएसएफ के क्षेत्राधिकार को 50 किलोमीटर तक किये जाने का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि सीमा पार से खतरे बढ़ रहे हैं और राज्य तथा केंद्र की एजेंसियां इस बारे में लगातार संपर्क में रहती हैं। पिछले कुछ समय में पंजाब में 1200 राइफल , 1000 पिस्तौल, 100 किलोग्राम आरडीएक्स, टिफ़िन बम और अन्य हथियार बरामद किये जा चुके हैं। ऐसे में इस मुद्दे पर राजनीति करना दुर्भाग्यपूर्ण है। कैप्टन ने कहा कि वर्तमान स्थितियों में पंजाब पुलिस को बीएसएफ की जरूरत है।
कैप्टन ने कहा है कि पाकिस्तानी महिला अरूसा आलम को लेकर उठा विवाद राजनीतिक स्वार्थों का है। उन्होंने कहा कि अरूसा गत 16 वर्ष से यहां हैं, तब कोई क्यों नहीं बोला। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर राजनीति हो रही है।
When the time comes we will fight all 117 seats, whether adjustment seats or we contest on our own: Former Punjab CM Captain Amarinder Singh pic.twitter.com/0Foi9kmTO7
— ANI (@ANI) October 27, 2021
उन्होंने कहा है कि पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिद्धू को समझ कम है। केंद्र सरकार के साथ बैठकों में सांठ गांठ के आरोपों को दरकिनार करते हुए उन्होंने कहा कि अगर राज्य का मुख्यमंत्री राज्य के हितों के लिए प्रधानमंत्री, गृह मंत्री अथवा अन्य मंत्रियों से मिले तो ये सांठ गांठ कैसे हुई? उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि पंजाब के वित्त मंत्री और खाद्य मंत्री भी केंद्रीय मंत्रियों से मिलते रहे हैं तो क्या इसका यह मतलब है कि उनकी भी सांठ गांठ थी।
उन्होंने कहा कि अब पंजाब में धान की खरीद हो रही है और राज्य को 45000 करोड़ रुपये की जरूरत है तो ये राशि केंद्रीय वित्त विभाग से ही मिलेगी। इसके लिए भी बैठक करना कोई सांठ गांठ नहीं है। उन्होंने दोहराया कि उनकी नई पार्टी भाजपा और ढींढसा की पार्टी से गठजोड़ करेगी ताकि चुनावों में मिलकर कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, अकाली दल को पराजित किया जा सके। उन्होंने ये भी स्पष्ट किया कि भाजपा से गठजोड़ को लेकर अभी उनकी भाजपा हाईकमान से बातचीत नहीं हुई परन्तु वे शीघ्र इस मुद्दे पर बात करने जा रहे है।
Tomorrow we are taking some people with us, around 25-30 people, and we will be meeting the Home Minister on this issue: Captain Amarinder Singh, in Chandigarh over Centre's three farm laws pic.twitter.com/hHx5l4gD5k
— ANI (@ANI) October 27, 2021
कैप्टन ने कहा कि कृषि कानूनों को लेकर अभी उनकी किसान संगठनों से कोई बातचीत नहीं हुई है, क्योंकि किसान संगठन किसी राजनीतिक नेता को अपने बीच में लेना नहीं चाहते। उन्होंने कहा कि इस बारे में किसानों की केंद्र सरकार के साथ चार बैठकें हो चुकी हैं और उनकी बैठकें बैकडोर से हुई हैं। उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि किसान आंदोलन शीघ्र समाप्त हो और किसानों के नुकसान का सिलसिला बंद हो। पंजाब में बरसात से खरीफ की फसल का काफी नुकसान हुआ है, ऐसे में किसानों को खेत-खलिहान से दूर नहीं होना चाहिए था।
उन्होंने कहा है कि कृषि कानूनों को लेकर किसानों का आंदोलन चल रहा है। उसे समाप्त करवाने के लिए गृह मंत्रालय और किसानों में बातचीत का सिलसिला जारी है। वे खुद मामले के समाधान के लिए तीन बार गृह मंत्री से मिल चुके हैं और गुरुवार को भी वे एक शिष्टमंडल के साथ गृह मंत्री से मिलने जा रहे हैं।
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