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देवीपाटन मंदिर राजकीय मेले के भव्य आयोजन की तैयारियां शुरू

UP News देश की 51 शक्तिपीठों में एक देवीपाटन मंदिर में दो अप्रैल को चैत्र नवरात्र के प्रथम दिन से प्रारंभ होने वाले विशाल मेले की सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी है।नेपाल सीमा से सटे उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले की तुलसीपुर तहसील क्षेत्र के पाटन गांव में स्थित देवीपाटन मंदिर को देश के 51 शक्तिपीठों में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। यहां देश के कोने-कोने से श्रद्धालु मां पाटेश्वरी का दर्शन करने आते हैं। नवरात्रि व शारदीय नवरात्र में यहां हजारों श्रद्धालुओं का आगमन होता है। यह मंदिर नेपाल राष्ट्र के लोगों की आस्था का भी प्रमुख केंद्र है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस शक्तिपीठ के मुख्य संरक्षक हैं। चैत्र नवरात्रि में एक माह का मेला लगता है। जिसे सरकार ने राजकीय मेला घोषित किया है।
नेपाल स्थित पीर रतन नाथ की यात्रा भी यहां आती है। नेपाल सीमा पर स्थित होने के कारण शक्तिपीठ की संवेदनशीलता अधिक है। जिसके मद्देनजर शक्तिपीठ की सुरक्षा बढ़ाई जा रही है। इसे लेकर सुरक्षा मुख्यालय ने एक मानक तैयार किया है। सुरक्षा ऐसी होगी जिसमें परिंदा भी मंदिर के ईदगिर्द पर नहीं मार सकेगा। मानकों के अनुसार मंदिर की सुरक्षा के लिए पांच स्तरीय खाका तैयार किया गया है। सुरक्षा व्यवस्था वर्ष में दो बार नवरात्रि के अवसर पर उमड़ने वाली भीड़ को देखते हुए की जाएगी।
जिलाधिकारी श्रुति ने बताया कि एक माह तक चलने वाले राजकीय मेले में देवीपाटन मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था अभेद्य होगी। मंदिर में पांच स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था का खाका तैयार किया गया है। इसमें आपातकालीन और आतंकवादी घटनाओं से निपटने के इंतजाम किए गए हैं। फैंटम व स्थाई मोर्चा के जरिए मंदिर की सुरक्षा को दो जोन में बांटा गया है। दोनों में अलग-अलग सेक्टर बनाए गए हैं।
एसपी हेमंत कुटियाल के अनुसार, तीन स्तरीय सुरक्षा यहां आने वाले अति महत्वपूर्ण व्यक्तियों के अवस्थापन पर आधारित है। चौथे स्तर की सुरक्षा में आपातकालीन परिस्थितियों को ध्यान में रखा गया है। पांचवें स्तर की सुरक्षा व्यवस्था मंदिर में किसी भी आतंकवादी घटना को लेकर तैयार की गई है। मंदिर परिसर को सीसीटीवी कैमरे से लैस किया गया है। आतंकी घटनाओं से निपटने के लिए फैंटम मोर्चा व स्थाई मोर्चा बनाया गया है। फैंटम मोर्चे की तैनाती मंदिर के सभी प्रमुख स्थानों पर होगी।
उन्होने बताया कि सुरक्षा मुख्यालय की सहायता से मंदिर सुरक्षा संचालन सिद्धांत को संशोधित किया जा रहा है। सभी प्रवेश द्वारों पर डोर फार्म मेटल डिटेक्टर लगाए जाएंगे। जवानों के लिए बैरक व स्थाई ड्रोन कैमरे का भी प्रस्ताव किया गया है। महिलाओं के लिए विशेष सुरक्षा होगी। मेले का सकुशल सम्पन्न कराने के लिए अधिकारियों की चार बार बैठकें हो चुकी हैं। हर संवेदनशील स्थानों का जायजा लिया जा चुका है। सुरक्षा व्यवस्था ऐसी है कि किसी भी अनहोनी को रोका जा सकता है। मेले में चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल की तैनाती होगी।
मंदिर के महंत मिथलेशनाथ योगी ने बताया कि 30 दिनों तक चलने वाले इस मेले में दूरदराज से आने वाले श्रद्धालुओं व दुकानदारों के हितों को ध्यान में रखते हुए मेला प्रबंधक व्यवस्थाओं में जुट गए हैं। उन्होंने परिवहन विभाग, विद्युत विभाग, देश विभाग, स्वास्थ्य विभाग, नगर पंचायत, खाद्य एवं रसद विभाग, रेलवे विभाग सहित जिलाधिकारी व तमाम विभागों के अधिकारियों को पत्र भेजकर आने वाले यात्रियों व दुकानदारों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग की है।
इस वर्ष मेले में रेलवे विभाग से अतिरिक्त ट्रेनों की संचालन कराने की मांग की है। ट्रेनों की संचालन होने से मेले में दूरदराज से लोग आसानी से आ सकते हैं। मेले में सर्कस, जादूगर, झूला, मौत का कुआं, रेलगाड़ी, खिलौना, जंपिंग सहित विभिन्न प्रकार की दुकानें सजेंगी। वहीं पर मंदिर प्रशासन द्वारा मेले में सभी श्रद्धालुओं व दुकानदारों के हितों की रक्षा के लिए अराजक तत्व पर खास नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।
शक्तिपीठ मंदिर परिसर में लगभग 24 सीसीटीवी कैमरे पहले से लगे हैं। जिससे इस स्थान पर आने वाले सभी लोगों की गतिविधियों को देखा जा सकता है। मेला परिसर में खेल तमाशा और दुकानदारों का आना प्रारंभ हो गया है। चैत्र नवरात्र पर्व व मेला को लेकर आयोजित बैठक में जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, अपर जिलाधिकारी, अपर पुलिस अधीक्षक, मुख्य विकास अधिकारी सहित सभी जिला स्तरीय एवं तहसील स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहेंगे। जिस पर चैत्र नवरात्रि व मेला को लेकर चर्चा की गयी।

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