फर्रुखाबाद: बदलते मौसम के चलते सर्दी-जुकाम (cough-cold), खांसी, बुखार (Fever), गले में खराश (Sore Throat), इंफेक्शन जैसी समस्याओं के कारण लोग परेशान रहते हैं। दवा खाकर आप इनसे छुटकारा पाने की कोशिश करते हैं, लेकिन ये समस्याएं बारिश में अधिक भीगने और बदलते मौसम की वजह से हो जाती हैं।
विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान का असर दिख रहा है। स्वास्थ्य विभाग की टीम हर दिन मच्छरों के प्रकोप और कोरोना से बचाव की जानकारी दे रही है। जनपद के बढपुर ब्लॉक के सिविल लाइन मड़ैया में सहायक मलेरिया अधिकारी नरजीत कटियार ने घर-घर जाकर लोगों को संचारी रोगों और कोरोना के प्रति जागरूक किया। इसके साथ ही बस्ती में लार्वा निरोधक दवा का छिड़काव किया गया। अभियान के दौरान 14 घरों में मच्छरों का लार्वा मिला।
सहायक मलेरिया अधिकारी का कहना है कि कोरोना काल में संचारी रोग नियंत्रण अभियान के तहत लोगों को संचारी रोगों के प्रति जागरूक किया जा रहा है। यह अभियान 17 नवम्बर तक चलेगा। अभियान के दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर जलभराव के चलते पनपने वाले मच्छरों से बचाव की जानकारी दे रही है। आशा एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा भी क्षेत्र भ्रमण के दौरान लोगों को जागरूक किया जा रहा है। वह लोगों को बता रही हैं कि मच्छरों के काटने से डेंगू-मलेरिया जैसी बीमारी फैलती है। इसलिए जरूरी है कि उन्हें पनपने ही नहीं दिया जाए।
जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि गृह भ्रमण के दौरान आशा और एएनएम को कोविड प्रोटोकाल का ध्यान रखने को कहा गया है। आशा कार्यकर्ता मास्क जरूर लगाएं, हाथों को बार-बार साबुन-पानी से धोएं, कम से कम दो गज की दूरी से बात करें, घर की कुण्डी या दरवाजा न छुएं और न खटखटाएं, आवाज देकर परिवार के सदस्यों को बुलाएं व बात करें। साथ ही कहा कि बुखार-खांसी आने पर छिपायें नहीं और न ही किसी अप्रशिक्षित चिकित्सक से इलाज कराएं। बल्कि अपने पास के स्वास्थ्य केंद्र पर जाएँ या अपने क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता को सूचित करें।
बचाव के तरीके
डेंगू फैलाने वाला मच्छर साफ पानी में प्रजनन करता है, इसलिए कूलर, पानी की टंकी, गमले आदि में साफ पानी एकत्रित न होने दें।
कूलर व पानी की टंकी सप्ताह में एक बार खाली कर सुखा कर दोबारा इस्तेमाल करें।
दिन में पूरी बाजू के कपड़े व मोजे पहनें और छोटे बच्चों को मच्छरदानी में सुलाएं।
तेज बुखार, आंखों के पीछे दर्द, बदन में चकत्ते होने की दशा में तत्काल जिला अस्पताल अथवा पास के किसी चिकित्सा केंद्र में जांच करवाएं।
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