भारत के नए डिजिटल पेमेंट समाधान के लिए पीएम मोदी आज ई-रुपी यानी e-RUPI सेवा को लांच करने जा रहे हैं। यह ऑनलाइन भुगतान का कांटैक्टलेस माध्यम बनेगा। इसके लिए किसी डेबिट-क्रेडिट कार्ड, इंटरनेट बैंकिंग या यूपीआईकी भी जरूरत नहीं पड़ेगी। नेशनल पेमेंट कारपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने यह सेवा विकसित की है।
प्रधानमंत्री कार्यालय के बयान के मुताबिक सरकार का उद्देश्य ई-रुपी के माध्यम से गुड गवर्नेंस की दिशा में इलेक्ट्रॉनिक वाउचर की अवधारणा को आगे बढ़ाना है। ई-रुपी डिजिटल भुगतान के लिए एक कैशलेस और संपर्क रहित माध्यम है। यह एक क्यूआर कोड या एसएमएस स्ट्रिंग-आधारित ई-वाउचर है, जिसे लाभार्थियों के मोबाइल पर पहुंचाया जाता है।
डिजिटल इंडिया अभियान के क्रम में एक और उत्कृष्ट पहल – #eRUPI
माननीय प्रधानमंत्री @narendramodi जी 02 अगस्त, 04:30 बजे इसे देश को समर्पित करेंगे |#eRUPI के लोकार्पण को लाइव देखे: https://t.co/AAWdZhqFmf पर !@PMOIndia @DFS_India @NPCI_NPCI pic.twitter.com/YlEqUBpKyL— National Health Authority (NHA) (@AyushmanNHA) August 2, 2021
ई-रुपी के बारे में जरूरी बातें
- इस निर्बाध एकमुश्त भुगतान व्यवस्था के उपयोगकर्ता अपने सेवा प्रदाता के केंद्र पर कार्ड, डिजिटल भुगतान एप या इंटरनेट बैंकिंग एक्सेस के बगैर ही वाउचर की राशि को प्राप्त करने में सक्षम होंगे।
- इसे नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने अपने यूपीआई प्लेटफॉर्म पर वित्तीय सेवा विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के सहयोग से विकसित किया है।
- ई-रुपी बिना किसी फिजिकल इंटरफेस के डिजिटल तरीके से लाभार्थियों और सेवा प्रदाताओं के साथ सेवाओं के प्रायोजकों को जोड़ता है।
- इसके तहत यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि लेन-देन पूरा होने के बाद ही सेवा प्रदाता को भुगतान किया जाए।
- प्री-पेड होने की वजह से सेवा प्रदाता को किसी मध्यस्थ के हस्तक्षेप के बिना ही सही समय पर भुगतान संभव हो जाता है।
- यह डिजिटल पेमेंट सॉल्यूशन कल्याणकारी सेवाओं की भ्रष्टाचार-मुक्त आपूर्ति सुनिश्चित करने की दिशा में एक क्रांतिकारी पहल साबित होगा।
- इसका उपयोग मातृ और बाल कल्याण योजनाओं के तहत दवाएं और पोषण संबंधी सहायता, टीबी उन्मूलन कार्यक्रमों, आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना जैसी स्कीमों के तहत दवाएं और निदान, उर्वरक सब्सिडी, इत्यादि देने की योजनाओं के तहत सेवाएं उपलब्ध कराने में किया जा सकता है।
- निजी क्षेत्र भी अपने कर्मचारी कल्याण और कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व कार्यक्रमों के तहत इन डिजिटल वाउचर का उपयोग कर सकता है।
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