UP news अन्नपूर्णा साहित्य संगम के पूर्व अध्यक्ष इंजीनियर गोपाल सागर की प्रथम पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा व काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। जेल रोड स्थित सरस्वती संगीत महाविद्यालय के सभागार में अन्नपूर्णा साहित्य संगम परिवार व कवियों तथा शायरों ने स्वर्गीय सागर जी के चित्र पर पुष्प माला चढ़ाकर तथा दीप जलाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। तदुपरांत काव्य गोष्ठी का आयोजन हुआ, जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ शायर महफूज़ रहमानी ने की तथा संचालन राम किशोर श्रीवास्तव के द्वारा किया गया। जी०एल० गांधी की वाणी वंदना से आरंभ हुई काव्य गोष्ठी में कवियों व शायरों ने कविताओं के माध्यम से सागर जी को शब्द सुमन अर्पित किए। इस अवसर पर संस्थान अध्यक्ष नवीन द्विवेदी ने उन्हें याद करते हुए कहा कि सागर साहब साहित्य के प्रति पूर्णतया समर्पित थे, साहित्य संगम को वास्तविक संगम बनाने में सागर साहब का बहुत बड़ा योगदान है, वह अपने ‘सागर’ नाम के अनुरूप महान कवि व साहित्यकार थे। वे सदैव युवा साहित्यकारों की हौस्ला अफजाई कर उन्हें आगे बढ़ने के लिये प्रेरित करते थे। सीतापुर के साहित्यकारों में उनका नाम हमेशा अमर रहेगा।
अभय श्रीवास्तव ने कहा कि वे साहित्य संगम के संस्थापकों में थे और आखरी दम तक संगम की सेवा करते रहे, वे हमेशा हमारे दिलों में जीवित रहेंगे।यासीन इब्ने उमर ने कहा कि वे युवा साहित्कारों के प्रेरणा श्रोत थे, हिन्दी साहित्य के साथ साथ उर्दू साहित्य के भी बड़े जानकार थे। तथा हिन्दी उर्दू शब्दों का प्रयोग कर अपनी लेखनी के माध्यम से समाज को सही दिशा देने की भरसक कोशिश करते थे।इस अवसर पर के०पी० मिश्र, यासीन इब्ने उमर, राम किशोर श्रीवास्तव, नफीस सीतापुरी, कन्हैया लाल शुक्ल, रियाजुद्दीन रियाज, गीता श्रीवास्तव, रौनक सीतापुरी, सूरज सीतापुरी, बृजेंद्र नाथ मिश्र, रमाशंकर श्रीवास्तव, लक्ष्मण मौर्य व शिवा आदि ने काव्य पाठ कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। अंत में राष्ट्रगान के साथ सभा का समापन हुआ।
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