हिमाचल प्रदेश के किन्नौर में एक बड़ा हादसा हो गया है। जहां निचार तहसील के निगलसुरी में नेशनल हाइवे-पांच पर हुए भारी भूस्खलन के कारण दो लोगों की मौत हो गई जबकि 10 लोगों को अब तक बचा लिया गया है। बुधवार दोपहर 12 बजे पहाड़ी से भारी मात्रा में चट्टानें और मलबा गिरने से हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) की एक बस, एक ट्रक और एक कार इसकी चपेट में आ गए।
एचआरटीसी की किन्नौर-हरिद्वार रूट की बस में कई यात्री सवार थे। अभी भी 24 लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका है। ये इलाका किन्नौर के भावानगर थाना क्षेत्र के अंतर्गत आता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस दुखद हादसे को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से फोन पर बात कर स्थिति की विस्तृत जानकारी ली। प्रधानमंत्री ने भूस्खलन की इस घटना पर अपनी संवेदनाओं व्यक्त करते हुए केंद्र की ओर से हरसंभव मदद का विश्वास दिया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी प्रदेश सरकार को एनडीआरएफ टीम और अन्य राहत सामग्री उपलब्ध करने का भरोसा दिया है।
PM Narendra Modi spoke to Himachal Pradesh CM Jairam Thakur regarding the situation in the wake of the landslide in Kinnaur. PM assured all possible support in the ongoing rescue operations: Prime Minister's Office (PMO) pic.twitter.com/UjBt6riIqa
— ANI (@ANI) August 11, 2021
PM @narendramodi spoke to Himachal Pradesh CM @jairamthakurbjp regarding the situation in the wake of the landslide in Kinnaur. PM assured all possible support in the ongoing rescue operations.
— PMO India (@PMOIndia) August 11, 2021
किन्नौर के उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक ने बताया कि अब तक घटनास्थल से दो शवों को निकाला जा चुका है। 10 लोगों को रेस्क्यू किया गया है। इन्हें घायल अवस्था में उपचार के लिए भावानगर अस्पताल में भर्ती किया गया है। घटनास्थल पर अभी भी कई लोग फंसे हुए हैं। इन्हें निकालने के लिए राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। उपायुक्त ने बताया कि राहत और बचाव कार्य में स्थानीय पुलिस, होमगार्ड के अलावा एनडीआरएफ और आईटीबीपी की टीमें जुटी हैं।
गौरतलब है कि किन्नौर जिला में तीन सप्ताह के भीतर भूस्खलन की ये दूसरी बड़ी घटना है। इससे पहले गत 25 जुलाई को जिले के सांगला इलाके में एक वाहन के भूस्खलन की चपेट में आने से नौ पर्यटकों की मौत हुई थी। राज्य में मानसून सीजन के दौरान बारिश से जुड़े हादसों में अब तक 234 लोगों की मौत हो चुकी है।
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