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टाइल्स प्लांट की स्थापना के लिए सनहार्ट ग्रुप ने अजंता ओरेवा ग्रुप से मिलाया हाथ

नई दिल्ली: आज के समय में टाइल्स हर किसी की ज़िंदगी का एक अहम हिस्सा बन गया है। बात घर की हो, ऑफ़िस की हो या फिर किसी अन्य जगह की, टाइल्स के बग़ैर किसी भी जगह की कल्पना करना मुश्क़िल हो गया है। टाइल्स किसी निश्चित स्थान की इंटीरियर की ख़ूबसूरती को और उसके प्रभाव को कई गुना बढ़ा देतीं हैं। उल्लेखनीय है कि टाइल्स के उत्पादन के क्षेत्र में भारत विश्व के अग्रणी तीन देशों में शामिल है और ये उद्योग प्रतिवर्ष 15 प्रतिशत  की रफ़्तार से आगे बढ़ रहा है। सनहार्ट ग्रुप के चेयरमैन भुदरभाई ने अपने विचार साझा करते हुए बताया, “ये हमारे लिए बेहद गर्व की बात है कि हम अंतर्राष्ट्रीय मानकों पर खरे उतरने  में सफल हुए हैं। इससे संबंधित हमारे फ़ैसले काफ़ी अहम रहे हैं।

जयसुखभाई भलोदिया के नेतृत्ववाली कंपनी अजंता ओरिवा ग्रुप के साथ हमारी ये साझेदारी मिल-जुलकर काम करने की अद्भुत शक्ति का प्रतीक है। गुजरात स्थित समखियाली में भव्य प्लांट की स्थापना के ज़रिए हम भारतीय टाइल्स उद्योग में इतिहास रचने की शुरुआत कर रहे हैं।”सनशाइन टाइल्स कंपनी प्राइवेट लिमिटेड भारत में एक प्रतिष्ठित और लोकप्रिय कंपनी है जो कि अपना व्यवसाय सनहार्ट ब्रांड के नाम से संचालित कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि सनहार्ट ब्रांड भारतीय सिरामिक इंडस्ट्री का छठा सबसे युवा ब्रांड बन गया है। सनहार्ट ब्रांड के उत्पादों में आकर्षक विविधता है, जिन्हें पूरी तरह से भारत में ही तैयार किया जाता है। यह ब्रांड पूरी तरह से प्रधानमंत्री मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ और ‘वोकल फॉर लोकल’ की सोच को साकार करता है। पिछले लगातार 5 सालों से भारतीय सिरामिक कंपनी के रूप में सनहार्ट की गिनती भारत के सबसे बड़े निर्यातक के तौर पर होती है एवं थ्री स्टार एक्सपोर्ट हाउस का दर्जा प्राप्त करनेवाला यह पहला सिरामिक ब्रांड भी है। टाइल्स की गुणवत्ता और इनमें नवीनता की बदौलत ही सनहार्ट ब्रांड कंपनी ने कोरोना महामारी और आर्थिक मंदी के बावजूद पिछले साल के 639 करोड़ रुपए के टर्नओवर के लक्ष्य को प्राप्त किया।

प्लांट से जुड़ी मुख्य बातें कुछ इस प्रकार हैं:

  • सनशाइन विट्रीयस टाइल्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम से एक अलग वैधानिक इकाई का निर्माण किया जाएगा, जो सनहार्ट ब्रांड के तहत अपने उत्पादों को बाज़ार में बेचेगा।
  • यह प्लांट भारतीय सिरामिक इंडस्ट्री के इतिहास में विट्रीफ़ाइड टाइल्स के उत्पादन का सबसे बड़ा प्लांट होगा और यह प्लांट कुल 99 एकड़ जगह में फ़ैला होगा।
  • इस प्लांट में प्रतिदिन 51,000 वर्गमीटर विट्रीफ़ाइड टाइल्स का उत्पादन किया जाएगा। इसके लिए प्लांट में नवीनतम एवम उच्च श्रेणी के मशीनों का इस्तेमाल किया जाएगा।
  • समयबद्ध तरीके से इस प्लांट में तीन प्रोडक्शन लाइन्स की स्थापना की जाएगी। इनमें से पहली प्रोडक्शन लाइन आज से अगले 6 महीने में सुचारू हो जाएगी।
  • इस प्लांट में चरणबद्ध तरीके से कुल 270 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। इस प्लांट से सालाना 399 करोड़ रुपये के टर्नओवर का अनुमान है।
  • इस प्लांट को स्थापित करने का मूल मक़सद विदेशी निर्यात से जुड़ी मांग की आपूर्ति करना रहेगा।
  • इस प्लांट के ज़रिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों तरीके से लोगों को रोज़गार हासिल होगा। नीचे इससे संबंधित आंकड़े दिये गए हैं। ऐसे में रोज़गार प्राप्त करनेवाले लोगों के परिवार के सदस्यों को भी जीवनयापन का ठोस साधन मिलेगा।
  • 750 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष तौर पर रोज़गार मिलेगा। इसमें 576 मज़दूर, 100 अर्द्ध-शिक्षित स्टाफ़, 50 शिक्षित स्टाफ़, 24 ऑफ़िस स्टाफ़ व प्रोफ़ेशनल स्टाफ़ शामिल है।

अप्रत्यक्ष तौर पर हासिल होनेवाले लाभ:

सामाग्री – इस प्लांट की उत्पादन से जुड़ी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सभी तरह के कच्चे माल के सभी आपूर्तिकर्ताओं को तैयार किया जाएगा, जिससे अप्रत्यक्ष तौर से बड़ी तादाद में लोगों को रोज़गार हासिल होगा।

सेवाएं – इस प्लांट के उत्पादन से जुड़ी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए विभिन्न एजेंसियों को तैयार किया जाएगा जिनमें ट्रांसपोर्ट, बैंकिंग सेवाओं को लाभ मिलेगा। इस तरह से भी बड़ी तादाद में लोगों को रोज़गार प्राप्त होगा।

इस प्लांट के माध्यम से कंपनी भारत की अर्थव्यवस्था में अपना योगदान देते हुए देश की जीडीपी व विदेशी राजस्व में बढ़ोत्तरी करने में सहायक सिद्ध होगी।इस तरह ‘सबका साथ सबका विकास’ के माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए सनहार्ट ग्रुप भारत के विकास के अनूठे सफ़र पर चल पड़ा है। हम कुछ इस तरह से आगे बढ़ने में यकीन करते हैं कि हमारे साथ-साथ सभी हितधारकों का भी समानांतर ढंग से विकास हो।

भुदरभाई ने आगे कहा कि सनहार्ट ग्रुप चरणबद्ध तरीके से टाइल्स, सैनिटरीवेअर और बाथवेअर में निवेश करेगा। कंपनी ने योजनाबद्ध तरीके से अगले 3 सालों में 1000 करोड़ रुपये और अगले 5 सालों में 1500 करोड़ रुपये का टर्नओवर हासिल करने का लक्ष्य रखा है।

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