उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शहर के बाहर ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़े मुख्य मार्गो पर भारत बंद करा रहे किसानों की पुलिसकर्मियों से झड़प हुई। कम संख्या में जुटे किसानों को प्रत्येक जगहों पर पीछे हटना पड़ा। वही शहरी क्षेत्र में भारत बंद का असर होता नहीं दिखायी पड़ा। लखनऊ में सुबह 11 बजे के करीब सीतापुर रोड पर 30 से 40 किसानों का एक समूह मुख्य मार्ग पर आ गया और उसे जाम करने की कोशिश की। करीब आधे घंटे में मड़ियांव थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और उसने जाम को हटवाते हुए किसान समूह को खदेड़ दिया।
इस दौरान किसानों ने हाथ में लिये काले झंडे को पुलिसकर्मियों पर फेंका तो उन्होंने झंडे फेंकने वाले किसानों को पकड़कर पुलिस जीप में बैठा लिया। अपराह्न बाद सुल्तानपुर रोड के हाइवे पर भारतीय किसान यूनियन से जुड़े किसानों का एक समूह मुख्य मार्ग पर आया लेकिन भारी पुलिस बल के सामने किसानों को जाम करने की हिम्मत नहीं हुई। किसानों की संख्या में इतनी कम थी कि पुलिसकर्मी उन पर भारी पड़ गये।
सपा, बसपा, आप जैसी पार्टियों के समर्थन के बावजूद शहरी क्षेत्रों में भारत बंद का असर बेअसर रहा। किसानों के भारत बंद के आह्वाहन को लखनऊ शहर में विफलता हाथ लगी। शहर के बड़े बाजारों और प्रतिष्ठान खुले रहे। शहरी क्षेत्र में रोजमर्रा की तरह की लोगों का आवागमन दिखलायी पड़ा। शहर के मध्य परिवर्तन चौक पर कम्यूनिस्ट पार्टी का झंडा लेकर भी कुछ किसान सामने आये लेकिन पुलिसकर्मियों ने उन्हें दुकानें बंद नहीं कराने दिया। वही परिवर्तन चौक के दुकानदारों ने भी कम्यूनिस्ट पार्टी के किसानों के प्रदर्शन का विरोध किया।
More Stories
बेहोशी की हालत में सड़क किनारे मिली 35 वर्षीय युवती -मामले की जांच में जुटी पुलिस
स्मृति ईरानी ने जिले के विभिन्न मंदिरों में की पूजा अर्चना
मुख्यमंत्री योगी ने लखनऊ में नौसेना शौर्य संग्रहालय का किया शिलान्यास