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सीएमओ की लापरवाही के कारण लावारिस शवों को काटते हैं चूहे,डीप फ्रीजर वर्षों से है खराब

इटावा। वर्ष 2015 में वर्तमान पोस्टमार्टम हाउस प्रारंभ हो गया था और 2018 में शवों को सुरक्षित रखने के लिए 6 डीप फ्रीजर लगाए गए थे ताकि लावारिस शवों की पहचान होने तक उन्हें सुरक्षित रखा जा सके परंतु विभागीय लापरवाही के चलते लगने के कुछ दिनों बाद ही सभी डीप फ्रीजर न केवल खराब हो गए बल्कि टूट भी गये।रक्तदाता समूह इटावा जो कि लावारिस शवों को पूर्ण विधि विधान के साथ अंतिम संस्कार करता है उसके प्रमुख शरद तिवारी ने बताया कि उनके द्वारा डीप फ्रीजर खराब होने की जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी इटावा को फरवरी 2023 में दी गई थी और उनसे विनम्रता पूर्वक आग्रह किया गया था कि वह इनको तत्काल ठीक करा दें,परंतु उनके कानों पर जूं भी नहीं रेंगी और वह लगातार अनदेखा करते चले आ रहे हैं।
श्री शरद तिवारी ने बताया कि जब मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया तो उन्होंने 24 सितंबर को अपर जिलाधिकारी अभिनव रंजन श्रीवास्तव को इस बारे में अवगत कराकर उनसे डीप फ्रीजर को ठीक करने की प्रार्थना की lविगत 4 अक्टूबर को रक्तदाता समूह द्वारा आयोजित ब्लड डोनेशन कैंप में इटावा के सांसद माननीय डॉ.रामशंकर कठेरिया को इस बाबत अवगत कराया जिन्होंने तत्काल जिला अधिकारी व मुख्य चिकित्सा अधिकारी को डीप फ्रीजर ठीक कराने को कहा इसके अलावा भी वह जिलाधिकारी इटावा अपर जिला अधिकारी इटावा से भी अनुरोध कर चुके हैं परंतु आज तक इस समस्या का कोई हल नहीं निकल पाया और स्थिति यथावत रही जब भी मुख्य चिकित्सा अधिकारी से इस संबंध में कहा जाता तो वह एक सप्ताह में ठीक करने का आश्वासन देते रहे फरवरी से आज तक 9 महीने बीत जाने के बाद भी डीप फ्रीजर ठीक ना होना यह सिद्ध करता है की मुख्य चिकित्सा अधिकारी अपने कार्य के प्रति कितने जिम्मेदार हैं।क्योंकि डीप फ्रीजर के अभाव में खुले में रखे लावारिस शवों को चूहे तो काट जाते ही हैं चीटियां भी उन्हें नुकसान पहुंचाती हैं साथ ही वहां जो दुर्गंध फैलती है उसे वहां के डॉक्टर को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है तथा शवों में कीड़े भी पड़ जाते हैं।
एक तो लावारिस शवों का कोई दाह संस्कार करने वाला नहीं होता है और दूसरी ओर 72 घंटे रखे रहने के बाद बदबू और कीड़े वाले शवों को यमुना तट तक ले जाने में रक्तदाता समूह के लोगों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है,सबसे बड़ी बात तो यह है कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी न तो जनप्रतिनिधियों की बात मानते हैं और ना ही जिले के आला प्रशासनिक अधिकारियों की,इन्हें ना तो ईश्वर का खौफ है और ना ही प्रशासन का जो यह लगातार सभी की अनदेखी कर रहे हैं।रक्तदाता समूह इटावा द्वारा लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करने का जो अनुकरणीय कार्य किया जा रहा है इसकी जितनी प्रशंसा भी की जाए कम है परंतु मुख्य चिकित्सा अधिकारी इटावा के असहयोग के कारण इस समाजसेवी संस्था को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
जिलाधिकारी इटावा से रक्तदाता समूह इटावा की जोरदार मांग है कि कि वह इस ओर व्यक्तिगत ध्यान देकर पोस्ट मार्टम हाउस में लगे हुए 6 डीप फ्रीजर को या तो ठीक करा दे और यदि संभव न हो सके तो नए डीप फ्रीजर खरीद कर पोस्टमार्टम हाउस में लगवाए जाएं ताकि मरे हुए लोगों की आत्मा को भी शांति मिल सके।
मांग करने वालों में रक्तदाता समूह के प्रमुख शरद तिवारी धनंजय कुशवाहा सौरभ परिहार पंकज भदौरिया दीपक तोमर देवेश चौहान अर्पित चौहान राजीव नरूका अमित भदौरिया श्रीकांत चतुर्वेदी अंकित राजावत रीना सिंह ऋषि गुप्ता एवं सुप्रिया त्रिपाठी प्रमुख रूप से शामिल हैं।

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