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बारूद के ढेर पर कौशाम्बी विस्फोट व कई मौतो के बाद भी नहीं बंद हुई फैक्ट्री 

पटाखा फैक्ट्री में गन पाउडर के भारी तादात में मौजूद होने के बाद विस्फोट की होती हैं घटनाएं
कौशाम्बी। आतिशबाजी बनाने वाली अवैध पटाखा फैक्ट्री से कौशाम्बी से भी गहरा रिश्ता है। भरवारी मंझनपुर मूरतगंज  तिल्हापुर मोड़ नेवादा सराय अकिल मनौरी चरवा पूरामुफ्ती पुरखास चायल पश्चिम शरीरा गढ़ी बाजार चंपहा हर्रायपुर कड़ा सिराथू अल्लीपुर जीता देवीगंज दारानगर सहित विभिन्न क्षेत्रों में आतिशबाज फैक्ट्री में पूरे वर्ष अवैध पटाखे बनाए जाते हैं। दीपावली का पर्व आते ही अवैध पटाखे बनाने में तेजी आ जाती है। अवैध तरीके से संचालित पटाखा फैक्ट्री में कोखराज थाना क्षेत्र के भरवारी मूरतगंज चायल कस्बा सहित कई स्थानों पर कई बार विस्फोट हो चुके हैं। कई लोगों की मौत हो चुकी है। कई लोग लहूलुहान हो चुके हैं,लेकिन तमाम घटनाओं के बाद भी कौशाम्बी की अवैध पटाखा फैक्ट्री में पटाखा बनाने का अवैध खेल नहीं बंद हो सका है।
तमाम शहरों की पटाखा फैक्ट्री में हो चुके हैं बड़े बिस्फोट अवैध तरीके से पटाखा फैक्ट्री हमेशा जोखिम से भरी है। देश के तमाम शहरों में पटाखा फैक्ट्री में तमाम बड़ी घटनाएं हो चुकी है। ऋत्तिक मंडल पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना में पटाखा फैक्ट्री में हुए ब्लास्ट में 9 लोगों की मौत हुई थी। ब्लास्ट इतना भीषण था कि शवों के परखच्चे उड़ गए अरियालुर जिले के विरागलुर में पटाखा गोदाम में हुए विस्फोट में 12 लोगों की जान चली गई है। 20 लोग घायल हुए थे। पश्चिम बंगाल के जगन्नाथपुर में पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट में सात लोग मारे गए थे ।  भारत के 90 प्रतिशत उत्पादन शिवकाशी में   मौजूदा समय में भारत के अंदर जो पटाखा उद्योग देखते हैं, उसकी शुरुआत 19वीं सदी के उत्तरार्द्ध में कलकत्ता में हुई थी। अंग्रेजों के शासन काल में कलकत्ता हर उद्योग का गढ़ था, यहीं पर माचिस उद्योग भी खूब पनप रहा था. पर पटाखा उद्योग के दिन बदले जब 1923 में यह तमिलनाडु के शिवकाशी पहुंचा पटाखों का शिवकाशी पहुंचना अब के ‘मुर्गा छाप पटाखों’ का वजूद में आना। लगभग एक ही साथ की घटनाएं हैं।
कैसे मिलता है विभाग का लाइसेंस  पटाख़े बनाने वाली फैक्ट्रियों को केंद्र सरकार के एक्सप्लोसिव विभाग के साथ-साथ बाकी विभागों से भी कलीरैंस लेनी पड़ती है।  जब तक बाकी विभाग अपनी कलीरैंस नहीं देते, तब तक डिप्टी कमिशनर इनके लाइसेंस जारी नही कर सकते हैं। पडोसी जिलो मे अवैध चल रही है पटाखा फैक्ट्री जिले के विभिन्न कस्बो  के साथ-साथ प्रयागराज जनपद के अटाला नखसकोना तथा मऊआइमा सहित विभिन्न क्षेत्रों में अवैध तरीके से तमाम पटाखा फैक्ट्री संचालित हो रही है। मऊ आइमा में भी पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट हो चुके हैं। कई लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन उसके बाद भी प्रयागराज जिलाधिकारी ने पटाखा फैक्टरी पर कार्रवाई कर अवैध पटाखा फैक्ट्री को बंद कराकर संचालकों पर कार्रवाई नहीं हो सकी है। 

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