उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक अदालत ने 13 साल की बच्ची से दुष्कर्म कर उसको मौत के घाट उतारने वाले दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है। बता दें कि आरोपियों ने दो साल पहले बच्ची से दुष्कर्म कर उसे आग के हवाले कर दिया था। जिसके बाद अब हाथरस की एक विशेष पोक्सो अदालत ने दोषी को मौत की सजा सुनाई है।
पोक्सो कोर्ट के विशेष न्यायाधीश ने गुरुवार को मोनू ठाकुर के लिए मौत की सजा का ऐलान किया और उस पर 1.68 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश (पोस्को), हाथरस अदालत, प्रतिभा सक्सेना ने इसे एक ऐसा कृत्य करार दिया, जो ‘एक व्यक्ति की आत्मा को झकझोर देता है’। उन्होंने उस व्यक्ति को दोषी करार दिया उसे ‘फांसी’ की सजा सुनाई है।
15 अप्रैल 2019 को, जब नाबालिग अपनी दादी के साथ घर पर अकेली थी तो उसी गांव के 26 वर्षीय ठाकुर ने घर में घुसकर किशोरी के साथ दुष्कर्म किया। अलीगढ़ के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में तत्कालीन अतिरिक्त सिटी मजिस्ट्रेट के समक्ष अपने बयान में लड़की ने कहा था कि वह छत पर खाना बना रही थी, जब आरोपी रात करीब 10 बजे घर में दाखिल हुआ और उसने उसके साथ दुष्कर्म किया। जब वह चिल्लाई तो उसकी दादी उसे बचाने आई लेकिन उसने उन्हें धक्का दे दिया। उसने किसी को कुछ न बताने की धमकी दी और फिर मिट्टी का तेल डालकर जिंदा जला दिया।
पीड़िता ने अस्पताल में अपना बयान दर्ज कराया और आरोपी की पहचान भी की। उसके माता-पिता अपने रिश्तेदारों से मिलने बाहर गए हुए थे। स्थानीय लोग उसे एक अस्पताल ले गए जहां 15 दिनों तक संघर्ष करने के बाद 1 मई को उसने दम तोड़ दिया।
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