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उप मुख्यमंत्री ने सोनभद्र के मनरेगा श्रमिक के बेटे रामबाबू के एशियाई गेम्स में कांस्य पदक जीतने पर दी बधाई व शुभकामनाएं

एशियन गेम्स:जब पिता काट रहे थे घास तब बेटे ने जीता पदक, कभी मजदूरी तो कभी होटल में वेटर बने रामबाबू का कमाल - Asian Games 2023 While Father Was Cutting Grassलखनऊ:  19वें एशियाई खेलों की पैदल चाल स्पर्धा के कांस्य पदक जीतकर देश और प्रदेश का नाम रोशन करने वाले सोनभद्र के मनरेगा श्रमिक के बेटे रामराबू को उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने बधाई और शुभकामनाएं दी हैं और विश्वास  दिलाया है कि ग्राम्य विकास विभाग से जुड़ी हर उस योजना का लाभ उन्हें उपलब्ध कराएगा, जिसके वो पात्र होंगे।
उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि बिना किसी भेदभाव के हर गरीब और पात्र व्यक्ति तक हर योजना का लाभ पहुंचाया जा रहा है। और अब प्रदेश में ‘गरीबी’ किसी के भी विकास में बाधक भी नहीं बन सकती। 19वें एशियाई खेलों की पैदल चाल स्पर्धा के कांस्य पदक विजेता रामराबू की कड़ी मेहनत और धैर्य उनकी इस सफलता की कहानी को बयां कर रही है। एशियाई खेलों में रेस वॉक मिश्रित टीम स्पर्धा में कांस्य पदक जीत कर न केवल देश बल्कि अपने माता-पिता, गांव, जनपद और प्रदेश का भी मान बढ़ाया है। उनके इस संघर्ष और सफलता में सरकार ने भी हर संभव मदद उनके परिवार तक पहुंचाई है। वो चाहें मनरेगा के तहत जॉब कार्ड हो,आवास हो ,शुद्ध पेयजल या फिर भूमि आवंटन हो सभी तरह से योजनाओं का लाभ प्रदान किया गया है।
’जानिए कौन हैं रामबाबू’ उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जनपद के राबर्ट्सगंज विकासखंड के बहुअरा गांव के निवासी 23 वर्षीय रामबाबू जिनके पिता का नाम छोटेलाल है। इनकी माता का नाम मीना देवी है। पिता छोटेलाल ने मजदूरी कर रामबाबू को गांव में ही कक्षा 5 तक पढ़ाया।इसके बाद कक्षा 6 से 12 तक रामबाबू की पढ़ाई नवोदय विद्यालय में पूरी हुई। पढ़ाई में रामबाबू सामान्य छात्र थे, इसलिए इनका रुख खेलों की तरफ ज्यादा था और आज वो खेल के क्षेत्र में अपने माता-पिता के साथ देश और प्रदेश का नाम रोशन कर रहे हैं।

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