Health news कोरोना संक्रमण ने पूरे विश्व में पिछले दो ढाई वर्षो से तहलका मचा कर रखा है। लाखों लोगों को मौत के मुंह में धकेल दिया है। करोनासंक्रमण अत्यंत खतरनाक है,वह अभी तक पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। चीन में अभी भी लोगों को संक्रमित कर लोगों की जान का खतरा बना हुआ है। इसी तरह अन्य कई देशों में भी अभी भी करोना का संक्रमण बुरी तरह व्याप्त है। भारत में भी यह पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है अभी भी करोना के संक्रमित मरीज विस्तृत जांच करने पर पाए जा रहे हैं, मेहरबानी इतनी है कि इससे जान का नुकसान लगभग नगण्य हैं, पर खतरा जरूर है, हमें सावधानी जरूर रखनी होगी और कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करना होगा।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने फिर कहा है कि वे करोना वायरस के स्वरूपों के वंशानुगत नए नए रूपों पर नजर रख रहा है इन स्वरूपों के दो उप स्वरूप भी सामने आए हैं जो प्रतिरक्षा प्रणाली से बचकर निकलने की क्षमता के साथ उत्परिवर्तन भी होते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन की साप्ताहिक महामारी विज्ञान अपडेट में कहा गया है कि ओमी क्रोन का नया स्वरूप दुनिया में संक्रमण का प्रमुख कारण बन सकता है। एजेंसियों के अनुसार यह स्वरूप ba2,ba3 के साथ-साथ Ba4 तथा ba5 जैसे ओमिक्रोन के चिंता जनक स्वरूपों के तहत कई अन्य स्वरूपों के रूप में सामने आ सकता है। इस नए स्वरूप में b1 ए तथा बी ए टू का मिलाजुला एक्स स्वरूप भी शामिल है, जो मानव जीवन के लिए अति खतरनाक होने की संभावना रखता है। यदि हम भीड़ में लगातार बिना मास्क पहने और पर्याप्त सामाजिक दूरी रखने और वैक्सीन लगवाने से परहेज करेंगे तो हम भी इसके संभावित शिकार हो सकते हैं। कुछ देशों में ba4 तथा ba.5 के स्वरूपों का मिलाजुला रूप भी सामने आ रहा है क्योंकि यह बड़े म्युटेंट हैं, इससे शरीर में अनेक लक्षण लेकर आ रहा है। यह पूर्व के लक्षणों से थोड़ा अलग होकर मानव जीवन के लिए खतरा बन सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के वैज्ञानिकों ने तथा शोधकर्ताओं ने कहा कि सारे स्वरूप मिलजुल कर एक नया स्वरूप बनाने में सक्षम होते हैं इस पर लगातार शोध का कार्य किया जा रहा है एवं मानव जीवन को बचाने की प्रक्रिया में यह महत्वपूर्ण शोध भी शामिल है। विश्व स्वास्थ्य संगठन चीन के साथ भारत तथा मलेशिया, अमेरिका ,ब्रिटेन ,कनाडा देशों के उपलब्ध डाटा बेस निकाल कर उसका अध्ययन जारी रखे हुये है। विश्व स्वास्थ्य संगठन में भारत, चीन, बांग्लादेश, मलेशिया, अमेरिका, ब्रिटेन, इजरायल तथा अन्य ऐसे देशों में चेतावनी जारी की है जहां अभी भी ओमीक्रोन संक्रमण के विषाणु पूरी तरह खत्म ना होकर अभी भी जिंदा है। जिससे इसके बड़े समुदायों में फैलने की गंभीर आशंका है। लाजमी है कि भारत जैसे बड़ी जनसंख्या जहां शिक्षित अशिक्षित दोनों लोग निवास करते हैं एवं चिकित्सा सुविधा यूरोपीय देशों की तुलना में अपेक्षाकृत कम है। ज्यादा संवेदनशील देश माने जाते हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने स्पष्ट रूप से कहा है कि सार्स-सी ओ वी2 का उत्परिवर्तन की प्रक्रिया के तहत जारी है। दुनिया में यह तेज गति से फैलने के कारण नए स्वरूप के रूप में सामने आ रहा है। उन्होंने आगे कहा कि इस वर्ष मई तथा जून के माह में इस वैरीअंट के फैलने की संभावना बढ़ रही है। एजेंसी के अनुसार दुनिया भर में कोविड-19 विरोधी टीमों की 11 अरब पूरा कर वितरित की गई हैं तथा लोगों को वैक्सीनेट किया गया है फिर भी गरीब देशों में कम आय वाले देशों में यह खुराक 11% ही दी गई है जो चिंताजनक है। इन कम आय वाले देशों को विशेष सावधानी रखने की आवश्यकता होगी। भारत के संदर्भ में यह विशेष बात होगी कि हमें अभी भी कोविड-19 के संक्रमण से बचाव हेतु विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा दिए गए निर्देशों का कड़ाई से पालन करके अपने को सुरक्षित रखना होगा।
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