त्योहारों का सीजन शुरु हो चुका है। 22 अगस्त को रक्षाबंधन का त्योहार पड़ रहा है। ऐसे में अभी से ही मिठाई की दुकानें सज गई हैं। वहीं त्योहारों पर मिठाइयों की बढ़ती मांग को देखते हुए दुकानदार मिठाइयों में मिलावट भी करने लगते हैं। ऐसे में मिठाइयों पर लगाया जाने वाला चांदी का वर्क जितना आकर्षक लगता है, सेहत के लिए भी उतना ही फायदेमंद होता है। लेकिन वर्तमान में जहां हर चीज में मिलावट होती है वहां चांदी का वर्क भी मिलावट से अछूता नहीं है। ऐसे में हम आपको बताएंगे कि आप कैसे मिठाईयों पर लगे नकली चांदी के वर्क को पहचान सकते हैं।
ऐसे करें नकली वर्क की पहचान
1 . चांदी का वर्क लगी कोई भी मिठाई लेकर इसे अपनी अंगुली पोंछने का प्रयास करें। अगर पोंछते समय यह आपके हाथ में चिपकता है, तो इसका मतलब है इसमें एल्युमिनियम है। लेकिन अगर यह आपके हाथ में नहीं चिपकता और गायब हो जाता है, तो यह पूरी तरह सुरक्षित है।
2. नकली वर्क थोड़ा मोटा होता है जबकि असली वर्क महीन होता है। अगर मिठाई पर लगे चांदी के वर्क को उतारा जाए और इसे गर्म किया जाए, तो यह चांदी के गोले की तरह तब्दील हो जाएगा। लेकिन अगर वर्क मिलावटी है, तो जलाने पर यह काला पड़ जाता है या फिर राख में बदल जाता है, क्योंकि इसमें एल्युमिनियम मिला होता है।
3 . चांदी के वर्क को परखनली में लेकर अगर हाइड्रोक्लोरिक एसिड की एक बूंद डाली जाए तो यह सफेद वेग के साथ टरबाइड हो जाएगा। लेकिन अगर यह मिलावटी है, तो यह टरबाइड नहीं होगा। इसका मतलब है कि इसमें चांदी नहीं बल्कि एल्युमिनियम है।
4. अगर आप चांदी के वर्क को हाथ में रखकर हथेली के बीच रगड़ेंगे, तो यह गायब हो जाएगी। लेकिन अगर चांद के वर्क में मिलावट है, तो यह एक बॉल के रूप में एकट्ठा हो जाएगा।
5. चांदी का वर्क अगर असली है, तो यह लंबे समय तक भी टिका रहता है और इसकी चमक कम नहीं होती। लेकिन अगर यह एल्युमिनियम है, तो पुराना होने पर इसका रंग काला पड़ जाता है।
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