भारत में तुलसी का पौधा लगभग हर घर में पाया जाता है। दरअसल हिंदू धर्म से तुलसी के पौधे का बेहद गहरा नाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि तुलसी कई औषधीय गुणों का भंडार भी माना जाता है? तो आइए जानते हैं कि तुलसी के क्या फायदे और नुकसान है।
क्या होती है तुलसी?
तुलसी एक प्रकार का पौधा है, जिसका हिंदू धर्म में बेहद खास महत्व है। हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को देवी का रूप माना जाता है। यह भारत के अधिकांश घरों में आपको मिल जाएगा। हिंदू धर्म में पूजनीय होने के साथ-साथ तुलसी के पौधे में कई प्रकार के औषधीय गुण पाए जाते हैं। इसका प्रयोग एलोपैथी से लेकर आयुर्वेद और होम्योपैथी तक में किया जाता है। वहीं कोरोना के समय में तुलसी के पौधे का महत्व सबसे ज्यादा बढ़ जाता है। दरअसल इसे इम्यूनिटी बूस्टर के तौर पर भी जाना जाता है।
तुलसी के फायदे
तुलसी का पौधा, तुलसी की पत्तियां (Tulsi Ki Pattiyan) और तुलसी की मंजरी (Tulsi Ki Manjari) या तुलसी के बीज (Tulsi Ke Beej), ये सभी औषधीय गुणों का खजाना माने जाते हैं। आपने भी अक्सर देखा या सुना होगा कि लोग सुबह उठकर खाली पेट तुलसी के पत्तों का सेवन करते हैं। दरअसल ऐसा करने से पेट से संबंधित समस्याओं से छुटकारा मिलता है। आइए जानते हैं क्या-क्या हैं तुलसी के फायदे…
दिमाग
दरअसल अगर कोई व्यक्ति रोजाना तुलसी के 4 से 5 पत्तों का सेवन करता है तो उसके मस्तिष्क की कार्यक्षमता तेज होती है और व्यक्ति की याद्दाश्त भी तीव्र होती है। इसके लिए तुलसी के 4 से 5 पत्ते पानी के साथ निगलकर खाने चाहिए।
गले के लिए बेहद फायदेमंद
अगर किसी को सर्दी जुकाम की शिकायत है और गले की समस्या जैसे गले में खराश है तो उसके लिए भी तुलसी की पत्तियां बेहद फायदेमंद मानी जाती हैं। तुलसी के पत्तों का रस (Benefit of Tulsi Juice) गरम पानी में मिलाकर कुल्ला करने से गले की खराश में राहत मिलती है।
इम्यूनिटी बूस्टर
तुलसी के पौधे को इम्यूनिटी बूस्टर माना जाता है। इसका नियमित रूप से सेवन करने पर आपके शरीर की रोग प्रतिरोधकर क्षमता बढ़ती है। आयुर्वेद में भी इसके कई तरीके बताए गए हैं। 40 ग्राम पिसी हुई मिश्री में 20 ग्राम तुलसी के बीज का मिश्रण मिलाकर रख लें। ठंड के मौसम में 1 ग्राम रोजाना इसका सेवन करने से शरीर की कमजोरी दूर होती है और रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है।
डायबिटीज
अक्सर डायबिटीज के मरीजों को तुलसी के उपयोग की सलाह दी जाती है। दरअसल अगर तुलसी की 8 से 10 पत्तियों को रात में पानी में भिगोकर रख दें और सुबह उठकर उसका सेवन करें तो काफी हद तक डायबिटीज कंट्रोल में रहती है। यह आपके ब्लड सुगर को भी कंट्रोल करने में सहायक है।
कब्ज की समस्या
तुलसी के बीज की सहायता से कब्ज से छुटकारा पाया जा सकता है। कब्ज की समस्या होने पर एक गिलास गर्म पानी में दो ग्राम तुलसी के बीजों को मिलाकर पीने से राहत मिलती है। वहीं इसके साथ ही पेट की अन्य समस्याओं में तुलसी के पत्ते भी बेहद फायदेमंद होते हैं।
सूजन की समस्या
तुलसी में अर्सोलिक एसिड पाया जाता है। अर्सोलिक एसिड में एंट्रीइंफ्लामेंट्री गुण पाए जाते हैं, जो सूजन की समस्या से छुटकारा दिलाने में मददगार होते हैं। जानकारों की मानें तो तुलसी के उपयोग से कई तरह की सूजन को कम किया जा सकता है।
मलेरिया
मलेरिया की समस्या होने पर तुलसी के पत्तों का काढ़ा जरूर पीना चाहिए। इसका दिन में तीन बार सुबह, दोपहर और शाम को सेवन करना चाहिए। आपने अक्सर देखा होगा कि तुलसी के पौधे के आसपास मच्छर कम ही भटकते हैं। दरअसल तुलसी में मौजूद कुछ गुण इस बीमारी से छुटकारा दिला सकते हैं।
बुखार
तुलसी का पौधा बुखार की समस्या में भी फायदेमंद साबित होता है। 7 से 8 तुलसी की पत्तियों को लौंग के छोटे-छोटे टुकड़ों के साथ एक गिलास पानी में मिलाकर पकाएं, जब यह पानी आधा बचे तो उसमें सेंधा नमक मिलाकर गरम-गरम सेवान करने से बुखार से छुटकारा मिलता है।
तुलसी के नुकसान
- अगर किसी चीज से कुछ फायदे होते हैं तो उससे कई नुकसान होने की भी आशंका बनी रहती है। आइए जानते हैं तुलसी के नुकसान क्या-क्या हैं
- यदि कोई डायबिटीज का व्यक्ति दवाईयों भी खाता है और तुलसी का भी सेवन करता है तो उसे इससे नुकसान हो सकते हैं। दरअसल ऐसा करना ब्लड शुगर के स्तर को ज्यादा नीचे गिरा सकता है।
- तुलसी के अधिक सेवन से चोट लगने पर रक्तस्त्राव की समस्या हो सकती है। दरअसल तुलसी का अधिक सेवन रक्त के थक्के बनने से रोक सकता है, जिससे खून ज्यादा पतला हो सकता है।
- तुलसी में एंटीफर्टिलिटी प्रभाव रहता है, जिससे इसका अधिक सेवन पुरुषों के स्पर्म काउंट को कम कर सकता है।
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