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Manish Gupta Murder Case : पीड़ित परिवार से मिले सीएम योगी, सभी मांगें मानी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कानपुर पुलिस लाइन में गोरखपुर में पुलिस पिटाई में मारे गए प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी से मुलाकात की। मीनाक्षी ने नौकरी, मुआवजा और गोरखपुर से कानपुर केस ट्रांसफर कराने की मांग सीएम योगी ने मान ली। सीएम योगी ने मनीष गुप्ता की पत्नी को विकास प्राधिकरण में ओएसडी की नौकरी देने और राहत राशि भी 10 लाख से बढाने के लिये जिला प्रशासन से प्रस्ताव देने को कहा है। परिवार ने सीबीआई जांच की भी मांग रखी। सीएम ने इस पर भी आश्वासन दिया। सीएम ने कहा कि जांच के संबंध में भी जो कुछ होगा किया जाएगा। सरकार आपके साथ है। हर हाल में न्याय मिलेगा।

इससे पहले योगी सरकार के एक्शन में आने और आश्वासन के बाद परिवार ने शव का अंतिम संस्कार कर दिया है। इस मामले में बड़ा मोड़ तब आया जब मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी गुप्ता ने वीडियो जारी कर योगी आदित्यनाथ से इंसाफ की गुहार लगाई। मीनाक्षी की अपील के बाद से गोरखपुर के क्राइम सीन से लेकर मृतक मनीष गुप्ता के कानपुर आवास तक एक ही गुहार गूंज रही है, एक कारोबारी के साथ गोरखपुर पुलिस ने जो किया उसका पूरा इंसाफ हो।

सीएम ने इस मामले का संज्ञान लिया तो उनके निर्देश पर एफआईआर से कतरा रही पुलिस ने मामला दर्ज किया। इसमें 6 लोग आरोपी बनाए गए, एफआईआर में 3 पुलिस वालों के नाम दिए गए हैं, जबकि तीन अज्ञात है। मामले में इंस्पेक्टर जे.एन सिंह को मुख्य आरोपी बनाया गया है, जिसकी अगुवाई में पुलिस की टीम ने होटल के कमरे पर दबिश दी थी।

सीएम ने कहा कि दो दिन पहले गोरखपुर में हुई घटना बेहद शर्मनाक है। कल सुबह ही मैंने पीड़ित परिवार से मिलने की इच्छा जताई थी। अपराध और अपराधियों के प्रति हमारी सरकार की जीरो टॉलरेंस पॉलिसी है। कोई अपराधी बख्शा नहीं जाएगा। अखिलेश यादव का नाम लिए बगैर तंज कसा कि सौ चूहे खाकर बिल्ली हज करने चली। ये लोग प्रदेश को बदनाम, अराजकता, फैलाने और माफिया की पैरवी करने वाले लोग हैं। सरकारी योजनाओं में डकैती डालने वालों को अब परेशान नहीं हो रही है। माफिया के कब्जे पर जब बुलडोजर चलता है तो इन्हें बुरा लगता है। यह लोग तो वह लोग हैं जिन्होंने परिवार को ही प्रदेश मान लिया था। नौकरी निकलती थी तो परिवार का एक सदस्य वसूली पर निकल पड़ता था।अब प्रदेश की सरकारी भर्तियों पर कोई सवाल नहीं उठा सकता।

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